चेन्नई। अशोक लेलैंड ने शुक्रवार को बताया कि बीएस-तीन मानक वाले वाहनों पर सुप्रीम कोर्ट के प्रतिबंध का असर उसके 10,664 वाणिज्यिक वाहनों पर पड़ा है। इसके साथ ही कंपनी ने कहा है कि वह अपनी कैबिन और इंजन निर्माण क्षमता बढ़ाने के लिए चालू वित्त वर्ष के दौरान 6,00 करोड़ रुपए का निवेश करेगी।
कंपनी ने कहा है कि प्रभावित इंजनों को बिक्री के लिए उन्नत किया जाएगा, इसलिए वित्तीय असर बहुत ही कम होगा। हिंदुजा समूह की कंपनी अशोक लेलैंड के प्रबंध निदेशक विनोद दसारी ने बताया कि बीएस-तीन मानक वाले कुल 10,664 वाहनों में से 95 प्रतिशत हमारे पास ही हैं न कि डीलरों के पास। कंपनी इनके इंजनों को अपनी आईईजीआर प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करते हुए उन्नत करेगी। उन्होंने कहा कि आईईजीआर प्रौद्योगिकी लगाने की लागत सिर्फ 20,000 रुपए प्रति इंजन आएगी। इन इंजनों को अलग से बेच जाएगा।
दसारी ने कहा, हम इन इंजनों को लगभग दो लाख रुपए के हिसाब से बेच सकते हैं, जबकि बीएस-तीन इंजन की कीमत 1.5 लाख रुपए पड़ती है। इस तरह से बीएस-3 वाहनों पर प्रतिबंध से पड़ने वाला वित्तीय प्रभाव न्यूनतम होगा।
इस वित्त वर्ष में 600 करोड़ रुपए होगा निवेश
अशोक लीलैंड ने कहा कि उसने केन्या और आइवरी कोस्ट में नई असेंबली इकाइयां लगाने के अलावा केबिन एवं इंजन विनिर्माण क्षमता का विस्तार करने के लिए इस वित्त वर्ष में 600 करोड़ रुपए का पूंजीगत व्यय करने की योजना बनाई है।
कंपनी का भारतीय वाणिज्यिक वाहन बाजार में बोलबाला है और उसे इस वित्त वर्ष में इस उद्योग में करीब 10-15 वृद्धि की उम्मीद है। विनोद दसारी ने कहा कि हम संपूर्ण क्षमता बढ़ाने के लिए किसी नए संयंत्र का निर्माण नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पूंजीगत व्यय की दूसरी जरूरत मोडुलर वाहनों और बीएस-6 उत्सर्जन नियमों जैसी भावी प्रौद्योगिकियों के विकास के लिए होगी। कंपनी आंध्रप्रदेश, केन्या और आइवरी कोस्ट में छोटे संयंत्रों के निर्माण में निवेश भी करेगी।