नई दिल्ली। हिंदुजा की प्रमुख कंपनी अशोक लीलैंड अगले दो साल में नए हल्के वाणिज्यिक वाहनों (एलसीवी) के विकास में 400 करोड़ रुपए निवेश करेगी। कंपनी की योजना 2019-20 तक बिक्री तिगुनी करने की योजना है। कंपनी रिश्तों में खटास के बाद पिछले साल निसान से अलग हो गई और अब उसकी नए मॉडल के साथ नजर निर्यात बाजार पर है। ये नए मॉडल दो नए प्लेटफॉर्म पर विकसित किए जाएंगे। उत्पाद विकास को गति देने के लिए कंपनी उन कर्मचारियों को फिर से नियुक्त कर रही है जो पूर्व में निसान के साथ बनी संयुक्त उद्यम कंपनी छोड़कर चले गए थे।
अशोक लीलैंड के अध्यक्ष (एलसीवी एवं रक्षा) नितिन सेठ ने कहा, अगले 12 महीने से लेकर दो साल में एलसीवी के लिए उत्पाद के विकास पर 400 करोड़ रुपए का कोष आबंटित किया जाएगा। उन्होंने कहा, हमारे पास दो नए प्लेटफॉर्म होंगे जहां हम कई मॉडलों का विकास कर सकते हैं। इसमें विभिन्न इंजन क्षमता की दाहिने तरफ से गाड़ी चलाने से लेकर बाईं तरफ से गाड़ी चलाना शामिल है। इसका कारण यह है कि हम न केवल घरेलू बाजार को बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजारों को भी ध्यान दे रहे हैं।
अशोक लीलैंड का जब निसान के साथ संयुक्त उद्यम था, तब संयुक्त उद्यम समझौता न तो उसे एलसीवी और न ही निर्यात की अनुमति देता था। पिछले साल सितंबर को अशोक लीलैंड और निसान मोटर ने आठ साल पुरानी भागीदारी को समाप्त कर दिया। जापानी सहयोगी तीन संयुक्त उद्यम में अपनी पुरानी हिस्सेदारी बेचने पर सहमति जताई। मई 2008 में दोनों कंपनियों ने तीन संयुक्त उद्यम अशोक लीलैंड निसान व्हीकल लि., निसान अशोक लीलैंड पावर ट्रेन लि. और निसान अशोक लीलैंड टेक्नोलॉजीज लि. बनाई थी।
सेठ ने कहा, हमें विश्वास है कि हम एलसीवी खंड में उल्लेखनीय कंपनी होंगे। हमारा 2019-20 तक एक लाख सालाना बिक्री हासिल करने का लक्ष्य है। सेठ ने बिक्री तिगुनी होने का भरोसा जताया जो फिलहाल 35,000-36,000 इकाई सालाना है।