आइजोल: मिजोरम के मुख्यमंत्री लालदुहोमा ने शनिवार को कहा कि उनकी सरकार पड़ोसी राज्य असम के साथ सीमा विवाद सुलझाने और सीमा पर शांति सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने एक बयान में कहा कि उनकी सरकार ‘मौजूदा कार्यकाल के दौरान अंतरराज्यीय सीमा विवाद को हल करने की इच्छुक है।’ लालदुहोमा के इस विवाद के बाद दोनों राज्यों के बीच लंबे समय से चले आ रहे सीमा विवाद के हल की उम्मीद बढ़ गई है।
‘अतीत में दोनों राज्यों के बीच कई बैठकें हुई थीं’
असम के सीमा सुरक्षा एवं विकास मंत्री अतुल बोरा के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने शनिवार को आइजोल में लालदुहोमा के आधिकारिक आवास पर उनसे शिष्टाचार मुलाकात की। लालदुहोमा ने कहा कि अतीत में दोनों राज्यों के बीच कई बैठकें हुई थीं, जिनमें मुख्य रूप से यथास्थिति बरकरार रखने का निर्णय लिया गया था। उन्होंने कहा कि हालांकि यह स्थायी शांति स्थापित करने की दिशा में सही कदम नहीं था, बल्कि इससे शांति प्रक्रिया और सौहार्दपूर्ण ढंग से सीमा विवाद सुलझाने में देरी हुई।
जानें 2 राज्यों के बीच किस बात का है विवाद
बता दें कि मिजोरम के 3 जिलों-आइजोल, कोलासिब और ममित तथा असम के कछार, करीमगंज और हैलाकांडी जिलों को लेकर विवाद है, जिनके बीच 164.6 किलोमीटर लंबी सीमा है। यह विवाद औपनिवेशिक काल के 2 परिसीमनों- बंगाल ईस्टर्न फ्रंटियर रेगुलेशन (BEFR) के तहत 1875 की अधिसूचना और 1933 के भारतीय मानचित्र सर्वेक्षण से जुड़ा है। मिजोरम का दावा है कि 1875 की अधिसूचना के अनुसार, इनर लाइन आरक्षित वन क्षेत्र में 509 वर्ग मील का इलाका उसकी सीमा में आता है, जबकि असम 1933 के नक्शे को अपनी संवैधानिक सीमा मानता है।
जुलाई 2021 में दोनों राज्यों के बीच हुई थी झड़प
दोनों ही राज्यों द्वारा इस मुद्दे पर पीछे न हटने की वजह से आरक्षित वन में कुछ क्षेत्र अब असम के अंतर्गत आते हैं और 1933 के सीमांकन के तहत कुछ हिस्से मिजोरम की तरफ हैं। जुलाई 2021 में उस समय संघर्ष बढ़ गया था जब दोनों राज्यों के पुलिस बलों के बीच सीमा पर गोलीबारी हुई, जिसके नतीजे में असम के 6 पुलिसकर्मियों और एक आम नागरिक की मौत हो गई थी जबकि 60 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे।