शिलांग: मेघालय सरकार ने बांग्लादेश में अशांत स्थिति के कारण उससे सटी अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सीमावर्ती हाटों में व्यापारिक गतिविधियां अस्थायी रूप से निलंबित कर दी हैं। अधिकारियों ने गुरुवार को इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि बीएसएफ और मेघालय पुलिस ने इस बात की खुफिया जानकारियां साझा की हैं कि यदि सीमावर्ती हाटों को फिर खोला गया तो बांग्लादेशी नागरिकों, गैरकानूनी उग्रवादी संगठनों के सदस्यों एवं तस्करों के सीमा पार करने तथा सीमा पर अन्य अनधिकृत गतिविधियों की प्रबल संभावना है।
बीएसएफ और पुलिस को मिली थी खुफिया जानकारी
बता दें कि फिलहाल बॉर्डर पर दो हाट हैं जिनमें एक पूर्वी खासी पर्वतीय जिले के बलाट में और दूसरा दक्षिण पश्चिम गारो पर्वतीय जिले के कलैचर में हैं। बता दें कि इन दोनों के अलावा भी कई अन्य हाट चालू हैं, लेकिन अभी तक पूरी तरह से सक्रिय नहीं हैं। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया, ‘सरकार ने बांग्लादेश में स्थिति स्थिर होने तक सीमावर्ती हाटों में व्यापारिक गतिविधियां अस्थायी रूप से निलंबित करने का निर्णय लिया है।’ यह फैसला BSF और मेघालय पुलिस से प्राप्त खुफिया सूचना के आधार पर लिया गया है।
मेघालय में सरकार ने लगा दिया था कर्फ्यू
इससे पहले सोमवार को राज्य सरकार ने अगले आदेश तक बांग्लादेश से लगी अंतरराष्ट्रीय सीमा पर रोजाना शाम 6 बजे से सुबह 6 बजे तक कर्फ्यू लगा दिया था। अधिकारी ने कहा कि राज्य सरकार स्थिति पर चर्चा करने तथा राष्ट्र विरोधी तत्वों द्वारा स्थिति का फायदा उठाने के संभावित खतरों से निपटने के लिए BSF और राज्य पुलिस सहित विभिन्न पक्षों के साथ बैठक करेगी। मेघालय की 443 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा पर करीब 22 प्रस्तावित सीमा हाट हैं। ऐसे में इन इलाकों से बांग्लादेश से घुसपैठ होने की भी काफी संभावना रहती है।
बांग्लादेश में हिंदुओं को बनाया जा रहा निशाना
बता दें कि पिछले कुछ दिनों में भारत के सबसे अहम पड़ोसियों में शामिल बांग्लादेश कई तरह की दिक्कतों से गुजर रहा है। प्रधानमंत्री शेख हसीना के सत्ता छोड़ने और देश से भारत आने के बाद भी वहां हिंसा की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। एक तरफ जहां अल्पसंख्यक हिंदुओं को भी निशाना बनाया जा रहा है वहीं दूसरी तरफ अवामी लीग के समर्थकों और नेताओं पर भी हमले हो रहे हैं।