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मणिपुर: विधायकों के घर जलाए जाने के बाद कैबिनेट मंत्री ने बनवाया बंकर, घर के चारों ओर लगवाए कंटीले तार

मणिपुर में कई सांसदों के आवासों पर हमले के कुछ दिनों बाद, राज्य के एक मंत्री ने अपने घर की सुरक्षा बढ़ा दी है।

Edited By: Pankaj Yadav @ThePankajY
Published : Nov 19, 2024 22:36 IST, Updated : Nov 19, 2024 22:36 IST
मंत्री के घर के चारों तरफ लगाए गए कंटीले तार
Image Source : SOCIAL MEDIA मंत्री के घर के चारों तरफ लगाए गए कंटीले तार

मणिपुर में कई विधायकों के आवासों पर हमले के कुछ दिनों बाद, मणिपुर के कैबिनेट मंत्री लीशांगथेम सुसिंड्रो मैतेई ने अपनी सुरक्षा बढ़ा दी है। उन्होंने खुद को सुरक्षित करने के लिए अपने घर के नीचे बंकर बनवा लिए हैं। साथ ही घर को कंटीले तारों की बाड़ से घेर दिया गया है। खुरई से भाजपा विधायक मैतेई ने भी अपने घर पर बंकर बनवाया है। पिछले सप्ताह मणिपुर में एक बार फिर से हिंसा देखने को मिली, जो लगातार उग्र होते जा रही है। बता दें कि, पिछले साल 3 मई को मैतेई और कुकी समुदायों के बीच हुई झड़प में 200 से अधिक लोगों की मौत हो गई और लगभग 60,000 लोग विस्थापित हो गए।

सात जिलों में इंटरनेट सेवाएं ठप

हाल ही में हुई हिंसक हत्याओं के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों ने शनिवार को विधायकों और मंत्रियों के घरों में तोड़फोड़ की और आग लगा दी। उग्र भीड़ ने मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के निजी आवास में घुसने की भी कोशिश की। इंफाल में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है, खास तौर पर CM के आवास और राजभवन के आसपास, प्रभावित इलाकों में वाहनों की आवाजाही सीमित कर दी गई है। बढ़ती हिंसा के बीच प्रशासन ने 16 नवंबर को सात जिलों - इंफाल पूर्व और पश्चिम, बिष्णुपुर, थौबल, काकचिंग, कांगपोकपी और चुराचंदपुर - में ब्रॉडबैंड और मोबाइल इंटरनेट सेवाओं को दो दिनों के लिए निलंबित कर दिया था, ताकि असामाजिक तत्वों को ऐसी सामग्री फैलाने से रोका जा सके, जिससे कानून और व्यवस्था की समस्या पैदा हो सकती है। इस पाबंदी को और दो दिनों के लिए बढ़ा दिया गया है। हालांकि, राज्य सरकार ने कहा कि "आम लोगों की परेशानियों को देखते हुए ब्रॉडबैंड सेवाओं पर निलंबन आज हटा लिया गया, क्योंकि इंटरनेट प्रतिबंध ने महत्वपूर्ण कार्यालयों, संस्थानों और घर से काम करने वाले लोगों के कामकाज को प्रभावित किया था।" वहीं, बढ़ती हिंसा को रोकने के लिए मणिपुर पुलिस ने इंफाल पश्चिम और इंफाल पूर्व दोनों जिलों में कर्फ्यू लगा दिया।

हाल ही में हुई हिंसा की वजह क्या थी?

पिछले हफ्ते जिरीबाम जिले के एक गांव में कुकी महिला को जलाकर मार डाला गया था। उसके शव मिलने के कुछ दिनों बाद, उसी जिले में एक पुलिस स्टेशन पर हमला करने की कोशिश करने वाले 10 संदिग्ध कुकी उग्रवादियों को सुरक्षा बलों के साथ गोलीबारी में मार गिराया गया। गोलीबारी के दौरान, एक आठ महीने के बच्चे सहित छह लोगों का एक मैतेई परिवार लापता हो गया। सूत्रों ने बताया कि महिलाओं और बच्चों को जिरीबाम के बोकोबेरा इलाके से संदिग्ध कुकी उग्रवादियों के एक समूह ने बंधक बना लिया था, जबकि उग्रवादियों का एक अन्य समूह केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के साथ गोलीबारी में शामिल था। बंधकों में राज्य सरकार में निचले स्तर का कर्मचारी लैशाराम हीरोजीत भी शामिल था, जिसके दो बच्चे, पत्नी, सास और पत्नी की बहन भी शामिल थी। 

मैतेई समुदाय हिंसा के लिए सरकार को भी ठहराया जिम्मेदार

मैतेई समुदाय ने सड़कों पर उतरकर आरोप लगाया है कि सरकार ने बंधकों को बचाने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाए। सोमवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर में सुरक्षा स्थिति का आकलन करने के लिए दिल्ली में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की - रविवार के बाद से यह दूसरी ऐसी बैठक थी। बैठक में राज्य में चुनौतीपूर्ण स्थिति के कारण मणिपुर में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की अतिरिक्त 50 कंपनियां भेजने का निर्णय लिया गया, जिनमें कुल 5,000 से अधिक कर्मी होंगे। कुछ दिन पहले मणिपुर में कुल 20 सीएपीएफ तैनात किए गए थे।

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