इंफाल: मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने मंगलवार को कहा कि उनकी सरकार ने सूबे के किसी भी मूल निवासी समुदाय के खिलाफ कभी काम नहीं किया। सीएम ने मौजूदा और भविष्य की पीढ़ियों को अवैध घुसपैठ और ड्रग्स से बचाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता पर जोर दिया। उन्होंने थौबल जिला अस्पताल में नौवें आयुर्वेद दिवस समारोह में बोलते हुए अवैध प्रवासियों के मुद्दे पर जोर दिया और दावा किया कि नकली आधार कार्ड वाले लोग पिछले 40 सालों से मूल आबादी पर हावी होने की साजिश कर रहे हैं।
‘यह मुद्दा केवल पहाड़ियों तक ही सीमित नहीं है’
सीएम ने कहा, ‘जब लोग समझेंगे कि मणिपुर में लड़ाई क्यों छिड़ी, तो नया साहस और आत्मविश्वास पैदा होगा। पिछले 40 या 50 सालों से बहुत कम लोगों ने देखा है कि कैसे अवैध प्रवासी मणिपुर में आकर बस गए हैं और यहां के मूल निवासियों पर हावी होने की कोशिश की गई है। यह मुद्दा केवल पहाड़ियों तक ही सीमित नहीं है बल्कि इससे हर इलाका प्रभावित है।’ उन्होंने कहा कि जमीन के सौदों की निगरानी अब मंत्रिमंडल उपसमिति करती है। यह उपसमिति इस बात की जांच करती है कि जमीन को खरीदने वाले 1961 से पहले मणिपुर में रहते थे या नहीं।
‘पिछला सिस्टम आज की परेशानियों के लिए जिम्मेदार’
सीएम बीरेन सिंह ने कहा, ‘अगर इस तरह का कदम 50 साल पहले उठाया गया होता तो हमें आज जैसी चुनौतियों का सामना नहीं करना पड़ता। सत्ता को बनाए रखने के उद्देश्य से तुष्टीकरण का पिछला सिस्टम आज की परेशानियों के लिए जिम्मेदार है।’ सिंह ने पिछले कुछ दशकों में कुछ समुदायों के विधायकों की संख्या में हुई बढ़ोत्तरी पर भी बात की। उन्होंने कहा, ‘जिस पार्टी के पास पहले सिर्फ 5 विधायक थे अब उसके पास 10 विधायक हैं। किसी ने यह नहीं पता लगाया कि यह वृद्धि कैसे हुई और ये लोग कैसे चुने गए।’
‘पुल और सड़कें बनाना आसान है लेकिन…’
मणिपुर के मुख्यमंत्री ने इस मसले पर बोलते हुए आगे कहा, ‘इन सवालों को उठाने के लिए मुझे आलोचनाओं का सामना करना पड़ा। क्या किसी ने यह हिसाब लगाया कि अगले 20 सालों में ये संख्या कितनी और बढ़ सकती है? पुल और सड़कें बनाना आसान है लेकिन अगर हम अपनी मौजूदा पीढ़ी को नहीं बचाएंगे तो भविष्य नहीं बचेगा। हमने अपने नौजवानों की रक्षा के लिए ड्रग्स के खिलाफ जंग छेड़ी लेकिन इसको सराहने की बजाय हमें आरोपों और दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ा।’