इंफाल: मणिपुर में हालात सामान्य होने का नाम नहीं ले रहे हैं। रह रहकर हिंसा की घटनाएं हो रही है। कांगपोकपी जिले में अशांति के बाद जहां दो गांवों में कर्फ्यू लगा दिया गया वहीं कामजोंग जिले में कथित उत्पीड़न और लकड़ी की ढुलाई पर प्रतिबंध के विरोध में भीड़ ने असम राइफल्स के एक अस्थायी शिविर पर धावा बोला और उसे बुरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया।
कांगपोकपी जिले में अशांति के बाद अधिकारियों ने शनिवार को दो पड़ोसी गांवों में कर्फ्यू लगा दिया। एक आधिकारिक आदेश में यह जानकारी दी गई। जिले के अधिकारियों ने एक आदेश में कहा कि कांगचुप गेलजांग उप-मंडल के अंतर्गत कोंसाखुल और लीलोन वैफेई गांवों में शांति भंग होने की आशंका है। इसमें कहा गया है कि अगले आदेश तक दोनों गांवों में और इसके आसपास लोगों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। एक गांव के कुकी युवकों द्वारा दूसरे गांव की नगा महिला पर कथित तौर पर हमला किये जाने के बाद, गत कुछ दिनों से वहां तनाव की स्थिति है। मणिपुर कुकी और मेइती समुदायों के बीच जातीय हिंसा का सामना कर रहा है। हिंसा में मई 2023 से अब तक 250 से अधिक लोग मारे गए हैं और हजारों लोग बेघर हो गए हैं।
कामजोंग में भीड़ ने असम राइफल्स के अस्थायी शिविर को क्षतिग्रस्त किया
उधर कामजोंग जिले में कथित उत्पीड़न और लकड़ी की ढुलाई पर प्रतिबंध के विरोध में भीड़ ने असम राइफल्स के एक अस्थायी शिविर पर धावा बोला और उसे बुरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। होंगबेई क्षेत्र में शिविर पर हमला करने वाले समूह के सदस्य नगा बहुल जिले के कसोम खुल्लेन ब्लॉक के थे।
अधिकारियों ने बताया कि शनिवार को तनाव उस समय बढ़ गया, जब असम राइफल्स के जवानों ने कसोम खुल्लेन में घर के निर्माण के लिए कथित तौर पर लकड़ी की ढुलाई पर रोक लगा दी। उन्होंने बताया कि असम राइफल्स के जवानों ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और हवा में गोलियां चलाईं।
अधिकारी के मुताबिक, बाद में भीड़ ने अर्धसैनिक बल के अस्थायी शिविर को क्षतिग्रस्त कर दिया और मांग की कि उसे इलाके से हटा दिया जाए। उन्होंने कहा कि इस घटना में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। असम राइफल्स उन केंद्रीय बलों में से एक है, जिन्हें मणिपुर के विभिन्न हिस्सों में तैनात किया गया है। मणिपुर कुकी और मेइती समुदाय के बीच जातीय हिंसा की चपेट में है। (इनपुट-भाषा)