Tuesday, September 17, 2024
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मणिपुर में CRPF कैंप पर हमला, DIG बोले- जवानों ने मुंहतोड़ जवाब दिया, स्थिति नियंत्रण में

मणिपुर में हाल में हुए ड्रोन और मिसाइल हमलों के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग को लेकर इंफाल में स्कूल-कॉलेज के हजारों छात्रों ने सोमवार को राज्य सचिवालय और राजभवन के बाहर विरोध-प्रदर्शन किया।

Edited By: Shakti Singh
Published on: September 09, 2024 22:54 IST
Manish Sachar- India TV Hindi
Image Source : ANI मनीष सचार

मणिपुर के कांगपोकपी में सीआरपीएफ कैंप पर हमले के बाद सीआरपीएफ डीआईजी ने कहा है कि स्थिति नियंत्रण में है। उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें ऐसे हमले की उम्मीद नहीं थी और इसके लिए कोई तैयारी नहीं थी। इसके बावजूद जवानों ने मुंहतोड़ जवाब दिया। कांगपोकपी पहाड़ी क्षेत्र में सीआरपीएफ कैंप पर हमला किया गया था। अब तक हमलावरों की पहचान नहीं हो पाई है।

इस हमले पर डीआईजी सीआरपीएफ मनीष कुमार सच्चर ने कहा, "पास में एक सुनसान गांव है...कुछ लोग अचानक कंपनी की छत पर आए और ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। यह हमारे लिए आश्चर्य की बात थी। लेकिन जवानों (सीआरपीएफ अधिकारियों) ने मुंहतोड़ जवाब दिया। जब ये लोग भाग रहे थे तो उन्होंने दो घरों को जला दिया। उन्होंने बम का भी इस्तेमाल किया। स्थिति हमारे नियंत्रण में है। सीआरपीएफ मणिपुर के मुद्दे को सुलझाने और वहां शांति लाने के लिए प्रतिबद्ध है।"

हमले के खिलाफ छात्रों का प्रदर्शन

मणिपुर में हाल में हुए ड्रोन और मिसाइल हमलों के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग को लेकर इंफाल में स्कूल-कॉलेज के हजारों छात्रों ने सोमवार को राज्य सचिवालय और राजभवन के बाहर विरोध-प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी छात्रों ने राज्य की “क्षेत्रीय और प्रशासनिक अखंडता” की रक्षा करने की भी मांग की। मणिपुर में हाल के दिनों में ड्रोन से विस्फोटक गिराए जाने और मिसाइल दागे जाने सहित अन्य हिंसक घटनाओं में कम से कम आठ लोगों की मौत हो गई और 12 से अधिक लोग घायल हो गए। 

विधायकों से मांगा इस्तीफा

प्रदर्शनकारी छात्रों ने प्राधिकारियों के स्थिति से निपटने में कथित तौर पर नाकाम रहने को लेकर निराशा व्यक्त की। उन्होंने ‘मणिपुर जिंदाबाद’, ‘सभी अक्षम विधायक इस्तीफा दें’ और ‘राज्य सरकार को एकीकृत कमान सौंपें’ जैसे नारे लगाए। बाद में छात्रों के प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह और राज्यपाल एल आचार्य से मुलाकात की। आचार्य से मिलने वाले छात्र प्रतिनिधियों ने संवाददाताओं को बताया कि उन्होंने हिंसा पर काबू पाने में कथित नाकामी के लिए पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) और राज्य सरकार के सुरक्षा सलाहकार को पद से हटाए जाने समेत छह मांगें रखी हैं। 

संघर्ष जल्द खत्म करवाने का आग्रह

छात्रों ने एकीकृत कमान का नेतृत्व केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के पूर्व महानिदेशक (डीजी) कुलदीप सिंह से लेकर मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के हाथों में सौंपने का आह्वान भी किया है। एकीकृत कमान राज्य में सुरक्षा अभियानों की देखरेख करती है और इसमें विभिन्न सुरक्षा एजेंसियां ​​शामिल हैं। मुख्यमंत्री से मिलने वाले कॉलेज छात्र एम सनथोई चानू ने संवाददाताओं से कहा, “हम बिना किसी व्यवधान के आराम से पढ़ाई करना चाहते हैं। हमने मुख्यमंत्री से संघर्ष को जल्द से जल्द समाप्त करवाने का आग्रह किया है।” 

काकचिंग में रैली

थौबल जिले में छात्रों ने राज्य की क्षेत्रीय एवं प्रशासनिक अखंडता की रक्षा सुनिश्चित की मांग करते हुए और किसी भी तरह के अलग प्रशासन का विरोध करते हुए एक रैली निकाली। इसी तरह, काकचिंग जिले में हजारों लोगों ने संदिग्ध कुकी उग्रवादियों द्वारा नागरिकों की हत्या किए जाने के विरोध में एक बड़ी रैली आयोजित की। उन्होंने परिचालन निलंबन (एसओओ) समझौते को रद्द करने का आह्वान किया और राज्य सरकार से नागरिकों के खिलाफ हिंसा से निपटने में अधिक तत्परता दिखाने का आग्रह किया। (इनपुट- पीटीआई भाषा)

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