मणिपुर विधानसभा के अध्यक्ष थोकचोम सत्यब्रत ने रविवार को एक बयान में कहा कि वह अपने पद से इस्तीफा देंगे या नहीं, इसका निर्णय भगवान करेंगे। यह बयान उन्होंने उस समय दिया जब उनके निर्वाचन क्षेत्र से बड़ी संख्या में लोग उनके आवास पर पहुंचे और उनसे पद नहीं छोड़ने का अनुरोध किया।
राज्य में एक वर्ग ने उनके इस्तीफे की मांग की है, जिसके जवाब में सत्यब्रत ने कहा, "इस्तीफा देना है या नहीं, इसका फैसला भगवान को करना चाहिए और जनता भगवान है।" उन्होंने यह भी कहा कि विधायकों का कर्तव्य है कि वे जनता की पीड़ा को कम करने के लिए जो भी कर सकते हैं, वह करना चाहिए।
स्कूल और कॉलेजों को फिर से खोलने का आदेश रद्द
इस बीच, मणिपुर में ताजा हिंसा की वजह से सरकार ने इंफाल घाटी और जिरीबाम जिले में स्कूल और कॉलेज सोमवार से खोलने का अपना फैसला रद्द कर दिया है। एक अधिकारी ने बताया कि राज्य में हालिया हिंसा के मद्देनजर जारी निषेधाज्ञा के कारण इंफाल पश्चिम, इंफाल पूर्व, थौबल, बिष्णुपुर, काकचिंग और जिरीबाम में स्कूल और कॉलेज लगभग एक सप्ताह से बंद हैं। शिक्षा निदेशालय स्कूल ने रविवार रात जारी ताजा आदेश में कहा, "राज्य के सभी स्कूलों (जिसमें सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्त, निजी और केंद्रीय स्कूल शामिल हैं) के लिए सामान्य कक्षाएं फिर से शुरू करने के संबंध में स्कूल फिर से खोलने के दिनांक 24 नवंबर के आदेश को रद्द कर दिया गया है और घाटी के जिलों के सभी स्कूल 25 और 26 नवंबर को बंद रहेंगे।"
अधिकारियों ने कहा कि इसी तरह का आदेश कॉलेजों के लिए भी जारी किया गया। इस बीच, पांच जिलों के प्रशासन की ओर से जारी अलग-अलग अधिसूचनाओं के अनुसार, लोगों को आवश्यक सामान खरीदने में सहूलियत प्रदान करने के लिए घाटी में लागू निषेधाज्ञा आदेशों में सुबह 5:00 बजे से दोपहर 12:00 बजे तक ढील दी गई है। (भाषा)
ये भी पढ़े-
UAE में अपहरण के बाद इजरायली नागरिक की हत्या, नेतन्याहू बोले- हर तरह से कार्रवाई करेंगे
संभल हिंसा अपडेट: चार युवकों की मौत के बाद स्कूल किए गए बंद, बाहरी लोगों की नो एंट्री