मणिपुर के चुराचांदपुर और कांगपोकपी जिलों में शुक्रवार को ‘कुकी जो’ संगठनों द्वारा बंद के आह्वान के कारण सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ। बंद का आह्वान राज्य सरकार के उस दावे के विरोध में किया गया है जिसमें कहा गया था कि 900 प्रशिक्षित कुकी उग्रवादी 28 सितंबर को इंफाल घाटी के गांवों पर हमला करेंगे। अधिकारियों ने बताया कि कुकी बहुल दोनों जिलों में शैक्षणिक संस्थान बंद कर दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि चुराचांदपुर जिले में व्यापारिक प्रतिष्ठान खुले रहे, जबकि कांगपोकपी में बाजार बंद रहे और निजी वाहनों की आवाजाही भी कम रही।
‘कुकी जो’ समुदाय के संगठन 'इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम' (आईटीएलएफ) ने पहले कहा था कि शनिवार को 'पूर्ण बंद' रहेगा। सरकार के दावे के विरोध में सैकड़ों लोगों ने कांगपोकपी में रैली निकाली।
सुरक्षा सलाहकार ने किया था दावा
सुरक्षा सलाहकार कुलदीप सिंह ने 20 सितंबर को दावा किया था कि सुरक्षा बलों ने ऐसी रिपोर्ट के मद्देनजर कई कदम उठाए हैं कि 900 उग्रवादी इंफाल घाटी के जिलों के बाहरी इलाकों के गांवों में हिंसा कर सकते हैं। हालांकि राज्य सरकार ने बुधवार को इस दावे को वापस ले लिया और कहा कि "सशस्त्र समूहों द्वारा इस तरह के किसी भी दुस्साहस की संभावना न्यूनतम और निराधार है।" पिछले वर्ष मई से मणिपुर में मेइती और कुकी समुदायों के बीच जातीय हिंसा में 200 से अधिक लोग मारे गए और हजारों लोग बेघर हो गए।
अपना दावा वापस ले चुकी है मणिपुर सरकार
अपना दावा वापस लेते हुए राज्य सरकार ने कहा, ‘‘सशस्त्र समूहों द्वारा किसी भी सुनियोजित दुस्साहस किए जाने की संभावना दूर-दूर तक नहीं है और यह आशंका निराधार है।’’ सुरक्षा सलाहकार कुलदीप सिंह और पुलिस महानिदेशक राजीव सिंह की ओर से बुधवार को जारी एक संयुक्त बयान में बताया गया, ‘‘मेइती समुदाय के लोगों पर 28 सितंबर को हमला करने के लिए म्यामां से 900 प्रशिक्षित कुकी उग्रवादियों के यहां घुसपैठ करने संबंधी सूचना पर विभिन्न समुदायों से मिली प्रतिक्रियाओं के बाद इस सूचना की विभिन्न स्त्रोतों से जांच की गई है, लेकिन जमीनी स्तर पर हमें ऐसा कुछ भी नहीं मिला है। फिलहाल ऐसी किसी भी जानकारी पर विश्वास करने का कोई आधार नहीं है।’’ बयान में कहा गया है, ‘‘नागरिकों की सुरक्षा के लिए सुरक्षा बल हाई अलर्ट पर हैं। सभी समुदायों को उनकी सुरक्षा का आश्वासन दिया गया है।’’ इसमें कहा गया है, ‘‘लोगों को किसी भी तरह की अफवाह पर या अपुष्ट समाचार पर विश्वास न करने की सलाह दी जाती है।’’