
केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने रविवार को मणिपुर में जारी जातीय संघर्ष के बीच शांति प्रक्रिया में तेजी आने की प्रार्थना की। वे मणिपुर हाई कोर्ट की स्थापना की 12वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित एक समारोह में बोल रहे थे। इस मौके पर उन्होंने कहा, मैं मणिपुर में जारी शांति प्रक्रिया में तेजी आने की प्रार्थना करता हूं, ताकि राज्य प्रगति कर सके और विकसित भारत में अपना योगदान दे सके।
सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश भी रहे मौजूद
इस कार्यक्रम में मणिपुर के राज्यपाल अजय कुमार भल्ला और सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश भी मौजूद थे। सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति बी आर गवई के नेतृत्व में न्यायाधीशों का एक प्रतिनिधिमंडल शनिवार को मणिपुर पहुंचा। इस प्रतिनिधिमंडल ने राहत शिविरों का दौरा किया और आंतरिक रूप से विस्थापित लोगों से बातचीत की। न्यायमूर्ति गवई ने उम्मीद जताई कि मणिपुर में चल रही जातीय हिंसा का "मौजूदा कठिन दौर" कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका के सहयोग से जल्द ही समाप्त होगा। उन्होंने कहा, "हमें विश्वास है कि मणिपुर राज्य देश के अन्य हिस्सों की तरह समृद्ध बनेगा।"
हिंसा में 250 से अधिक लोगों की मौत
न्यायमूर्ति गवई ने मणिपुर के लोगों से अपील की कि वे शांति और सद्भाव बहाल करने के लिए मिलकर काम करें। मणिपुर में मई 2023 से मेइती और कुकी समुदायों के बीच जातीय हिंसा का सिलसिला जारी है। इस हिंसा में अब तक 250 से अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके हैं, जबकि हजारों लोग अपने घरों से बेघर हो गए हैं। यह हिंसा मणिपुर के लिए एक कठिन दौर का प्रतीक बनी हुई है, जहां दोनों समुदायों के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है और राज्य में शांति स्थापित करने के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं। (इनपुट- भाषा)
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