मणिपुर के इंफाल वेस्ट जिले से एक हैरान करने वाली घटना सामने आई है। लापता ठेकेदार लैशराम कमलबाबू सिंह के घर के बाहर गुरुवार को एक हथगोला मिला, जिससे इलाके में दहशत फैल गई। यह घटना लोइतांग खुनौ इलाके में हुई, जहां हथगोला उनके घर के दरवाजे के पास पड़ा हुआ था। हालांकि, पुलिस ने समय रहते हथगोले को निष्क्रिय कर दिया, जिससे कोई बड़ा हादसा होने से बच गया।
पुलिस के मुताबिक, हथगोले के साथ एक नोट भी मिला था, जिसमें लिखा था कि लापता व्यक्ति के मामले में गठित संयुक्त कार्रवाई समिति (जेएसी) को भंग कर दिया जाना चाहिए। इसके साथ ही नए जेएसी के गठन की मांग की गई। नोट में यह भी कहा गया था कि जमीन की बिक्री करने वाला कोई भी ठेकेदार जेएसी का हिस्सा नहीं हो सकता।
विरोध-प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहा जेएसी
लैशराम कमलबाबू सिंह 25 नवंबर को मणिपुर के लेइमाखोंग सैन्य अड्डे से लापता हो गए थे। उनके लापता होने के बाद से मणिपुर में विरोध-प्रदर्शन तेज हो गए थे और संयुक्त कार्रवाई समिति (जेएसी) इस मामले को लेकर लगातार दबाव बना रही है। जेएसी विरोध-प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहा है।
सीएम ने CBI जांच का किया था वादा
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने पिछले हफ्ते इस मामले में बयान देते हुए कहा था कि लैशराम कमलबाबू सिंह सैन्य अड्डे से लापता हो गए थे और इस मामले को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) को सौंप दिया जाएगा। उन्होंने राज्य सरकार की ओर से पूरे मामले की जांच करने का आश्वासन दिया था।
कैसे लापता हो गए ठेकेदार लैशराम?
लैशराम कमलबाबू सिंह असम के कछार जिले के मूल निवासी थे और वह मणिपुर की 57वीं माउंटेन डिवीजन के लीमाखोंग सैन्य अड्डे में सैन्य इंजीनियरिंग सेवा (एमईएस) के ठेकेदार के लिए कार्य पर्यवेक्षक के रूप में काम कर रहे थे। पुलिस के अनुसार, सिंह के लापता होने के बाद से 2,000 से अधिक सुरक्षाकर्मी उनकी तलाश में लगे हुए हैं।
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