सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने मिजोरम में जमीन के एक ही टुकड़े के लिए दो लोगों को मुआवजा देने का फैसला किया है। यह पहली बार है, जब मंत्रालय एक ही प्लॉट के लिए दो लोगों को मुआवजा दे रहा है। इसके लिए 110 करोड़ रुपये भी जारी कर दिए गए हैं। अधिकारियों ने रविवार को यहां बताया कि मिजोरम में वैरेंगटे और सैरांग के बीच चार लेन वाले राजमार्ग के निर्माण कार्य के लिए एक ही भूखंड पर दावा करने वाले दो पक्षों को मुआवजा मिलेगा।
मिजोरम सरकार के एक अधिकारी ने बताया कि मुआवजे को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा था। पिछले सप्ताह दिल्ली में मुख्यमंत्री और केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के बीच हुई बैठक के दौरान इस पर फैसला हुआ।
कई साल से अटका था काम
असम सीमा के पास वैरेंगटे और आइजोल के पास सैरंग के बीच प्रस्तावित 132 किलोमीटर लंबा चार लेन वाला हाइवे मिजोरम की राजधानी और देश के बाकी हिस्सों के बीच एक बहुत ही महत्वपूर्ण हाइवे है। यह डबल लेन वाला राजमार्ग अब असम के रास्ते राष्ट्रीय राजमार्ग-306 से जुड़ गया है। अधिकारी ने कहा, "एक ही जमीन के दो मालिकों को मुआवजा देने को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा था। इसके कारण वैरेंगटे और सैरांग को जोड़ने वाले चार लेन राजमार्ग का काम शुरू नहीं हो सका।"
वन विभाग को 90 करोड़ का मुआवजा
एक ही भूखंड के लिए दो भूस्वामियों को मुआवजा देने के सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के निर्णय की पुष्टि करते हुए मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार दोनों भूस्वामियों तथा राज्य के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग को मुआवजा देने पर सहमत हो गई है। उन्होंने कहा कि वन विभाग को 90 करोड़ रुपये मुआवजा मिलेगा जबकि दो भूस्वामियों को 110 करोड़ रुपये मिलेंगे।
सीएम के अनुरोध पर माने गडकरी
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले सप्ताह केंद्रीय मंत्री के साथ बैठक के दौरान उन्होंने केंद्रीय मंत्री को अवगत कराया था कि वैरेंगटे और सैरांग के बीच चार लेन राजमार्ग का निर्माण शुरू नहीं किया जा सकता है, क्योंकि वन मंजूरी भी नहीं मिल सकी है। सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले मिजोरम के मुख्य सचिव को राजमार्ग निर्माण समस्या का वैकल्पिक समाधान ढूंढने का निर्देश दिया था। लालदुहोमा ने कहा कि हालांकि एक ही भूखंड पर दावा करने वाले दो पक्षों को मुआवजा देने की कोई नीति नहीं है, फिर भी उन्होंने नितिन गडकरी से दोनों पक्षों को मुआवजा देने का अनुरोध किया है। मुख्यमंत्री ने कहा, "मंत्री ने आश्वासन दिया कि वन विभाग को मुआवजे के रूप में 90 करोड़ रुपये दिए जाएंगे, जबकि वैध दस्तावेज वाले भूस्वामियों को 110 करोड़ रुपये आवंटित किए जाएंगे।"