मणिपुर में हिंसा के बीच सीआरपीएफ के डायरेक्टर जनरल अनीश दयाल इंफाल पहुंचे हैं। वहीं, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में मणिपुर में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की गई। सोमवार को गृहमंत्री इस मुद्दे पर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बड़ी बैठक करेंगे।मणिपुर एक बार फिर हालात बेकाबू हो चुके हैं। यहां प्रशासन के सामने कुकी उग्रवादिया और मैतेई प्रदर्शनकारियों को रोकने की चुनौती है। जिरीबाम जिले में तीन महिलाओं और तीन बच्चों के शव मिलने के बाद से मैतेई समुदाय के लोग हिंसक प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं, उग्रवादी भी सुरक्षा बलों को निशाना बना रहे हैं। गृह मंत्रालय की तरफ से उग्रवादियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।
रविवार को इंफाल घाटी के विभिन्न जिलों में गुस्साई भीड़ ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के तीन और विधायकों तथा कांग्रेस के एक विधायक के आवास को लगा दी। अधिकारियों ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने राज्य के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के पैतृक आवास पर भी धावा बोलने की कोशिश की, हालांकि पुलिस ने उन्हें रोक दिया।
इंफाल में कर्फ्यू
जिरीबाम जिले में तीन महिलाओं और तीन बच्चों के शव मिलने के बाद प्रदर्शनकारियों ने इंफाल घाटी के विभिन्न हिस्सों में शनिवार को हिंसक प्रदर्शन किया, जिसके बाद से यहां अनिश्चितकाल के लिए कर्फ्यू लगा दिया गया। गुस्साई भीड़ ने शनिवार को राज्य के तीन मंत्रियों और छह विधायकों के आवासों पर भी हमला किया था। अधिकारियों ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने निंगथौखोंग में लोक निर्माण मंत्री गोविंददास कोंथौजम, लैंगमीडोंग बाजार में हियांगलाम से भाजपा विधायक वाई राधेश्याम, थौबल जिले में वांगजिंग टेंथा के भाजपा विधायक पाओनम ब्रोजेन और इंफाल पूर्वी जिले में खुंद्राक्पम के कांग्रेस विधायक लोकेश्वर के घरों में आग लगा दी। पुलिस ने बताया कि गुस्साई भीड़ ने विधायकों के आवासीय परिसरों पर धावा बोला, संपत्ति में तोड़फोड़ की और घरों में आग लगा दी। हालांकि, इस दौरान विधायक और उनके परिवार के सदस्य घर पर मौजूद नहीं थे।
सीएम आवास पर हमले की कोशिश
अधिकारियों के अनुसार, इन घटनाओं में घर आंशिक रूप से जल गए। घरों के पूरी तरह जलने से पहले अग्निशमन सेवाएं मौके पर पहुंचीं और आग पर काबू पा लिया। प्रदर्शनकारियों ने शनिवार रात इंफाल पूर्वी क्षेत्र में लुवांगसांगबाम स्थित बीरेन सिंह के पैतृक निवास पर भी हमला करने की कोशिश की लेकिन सुरक्षाबलों ने उन्हें 100-200 मीटर पहले ही रोक दिया। अधिकारियों ने बताया कि असम राइफल्स, सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और राज्य के बलों सहित सुरक्षाकर्मियों ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे, रबड़ की गोलियां चलाईं और सिंह के घर को नुकसान पहुंचाने की कोशिश को नाकाम कर दिया। उन्होंने कहा कि गुस्साई भीड़ ने इसके बाद बीरेन सिंह के आवास की ओर जाने वाली मुख्य सड़क पर टायर जलाए और वाहनों की आवाजाही को अवरुद्ध कर दिया।
रात 11 बजे तक उग्र प्रदर्शन
अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री के पैतृक घर से करीब तीन से चार किलोमीटर दूर मन्त्रीपुखरी इलाके में रात करीब 11 बजे तक प्रदर्शन जारी रहा। उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि मुख्यमंत्री के पैतृक घर पर हमला करने वाले प्रदर्शनकारी अन्य निर्वाचन क्षेत्रों के थे, न कि हिंगांग विधानसभा क्षेत्र से। मुख्यमंत्री बीरेन हिंगांग सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं। जिरीबाम में छह लोगों के शव बरामद होने के बाद इंफाल घाटी में हुए हिंसक प्रदर्शन के चलते यहां रविवार सुबह स्थिति शांत, लेकिन तनावपूर्ण बनी रही। इसी के साथ घाटी में अनिश्चितकाल के लिए कर्फ्यू लगा दिया गया है और इंटरनेट सेवाएं भी निलंबित कर दी गई हैं। मणिपुर के जिरीबाम जिले में दो महिलाओं और एक बच्चे के शव बराक नदी से शनिवार को बरामद किए गए जबकि एक महिला एवं दो बच्चों के शव शुक्रवार रात मिले। ऐसा आरोप है कि उग्रवादियों ने अपहरण के बाद इनकी हत्या कर दी।
सुरक्षाबलों और उग्रवादियों के बीच हुई थी मुठभेड़
जिरीबाम जिले में सुरक्षाबलों और उग्रवादियों के बीच सोमवार को मुठभेड़ हुई थी जिसके बाद से राहत शिविर में रहने वाली तीन महिलाएं और तीन बच्चे लापता थे। इस मुठभेड़ में 10 उग्रवादी भी मारे गए थे। इंफाल घाटी में एक दिन पहले लोगों ने इस हत्या के विरोध में हिंसक प्रदर्शन किए और राज्य के तीन मंत्रियों तथा छह विधायकों के आवास पर भी हमला किया। पुलिस ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के दामाद एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक आर के इमो सहित तीन विधायकों के घरों में तोड़फोड़ की और उनकी संपत्तियों में आग लगा दी। वहीं, सुरक्षाबलों ने इंफाल के विभिन्न हिस्सों में प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े। (इनपुट- पीटीआई भाषा)