मणिपुर में दो समुदायों के बीच पिछले एक साल से अधिक समय से हिंसक संघर्ष चल रहा है। मणिपुर में जारी संकट के बीच कांग्रेस सांसद ए बिमोल अकोईजाम ने केंद्र की निष्क्रियता पर तीखे सवाल उठाए हैं। कांग्रेस नेता ने कहा कि यदि उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों में ऐसी स्थिति होती, तो इसे अनदेखा नहीं किया जाता। अकोईजाम ने मणिपुर में स्थिति से निपटने के केंद्र के तरीके की कड़ी आलोचना की और पूछा कि भारत सरकार पूर्वोत्तर राज्य को अफगानिस्तान जैसा क्यों बनने दे रही है।
अकोईजाम ने कहा, "मणिपुर में 60,000 सैनिक तैनात हैं। केंद्र सरकार को इस संकट को इतने लंबे समय तक बने रहने से रोकना चाहिए था। उन्होंने कहा कि यदि यह उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान या मध्य प्रदेश में हो रहा होता, तो क्या इसे जारी रहने दिया जाता। ज्यादातर लोग कहेंगे, नहीं। मणिपुर में 3 मई, 2023 को जातीय हिंसा भड़की थी और तब से हिंसा में 220 से अधिक लोगों की जान जा चुकी।
"भारत सरकार पूरी तरह जिम्मेदार"
मणिपुर में जारी संकट के बीच अकोईजाम ने केंद्र से राज्य सरकार में व्याप्त मुद्दों को सुलझाने का आग्रह किया और दावा किया कि बीजेपी विधायक अलग प्रशासन के मुद्दे पर दो अलग-अलग बातें बोल रहे हैं। अकोईजाम ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने विधायकों और मंत्रियों को बुलाकर कहना चाहिए था कि भारत में ऐसा नहीं होना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि इस संकट के लिए भारत सरकार पूरी तरह जिम्मेदार है। उन्होंने राज्य की बिगड़ती स्थिति पर गंभीर चिंता व्यक्त की।
"मणिपुर को अस्थिर करने का प्रयास"
अकोईजाम ने केंद्र से निर्णायक और विवेकपूर्ण तरीके से अपना पक्ष रखने का आग्रह किया। यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें लगता है कि मणिपुर अफगानिस्तान की राह पर जा रहा है, कांग्रेस सांसद ने कहा, "भारत सरकार इसकी अनुमति दे रही है। इसलिए सवाल यह है कि यह पूछने के बजाय कि क्या मणिपुर अफगानिस्तान की राह पर जा रहा है, हमें यह पूछना चाहिए कि भारत सरकार मणिपुर को अफगानिस्तान क्यों बनने दे रही है। यह सही सवाल होना चाहिए।" अकोईजाम ने आरोप लगाया कि जानबूझकर मणिपुर को अस्थिर करने का प्रयास किया जा रहा है। (भाषा)
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