
असम में द्वितीय विश्व युद्ध के समय के 182 किलोग्राम का बम मिला था, जिसे गुरुवार को लखीमपुर जिले में निष्क्रिय कर दिया गया। अधिकारियों के अनुसार, यह बम पिछले साल असम में पाया गया था। 182 KG वाले इस बम को बहुत सावधानीपूर्वक निष्क्रिय किया गया। इस बम को निष्क्रिय करने से पहले 3.5 किलोमीटर का एरिया खाली कराया गया था, ताकि किसी तरह की तबाही का डर ना रहे।
झिली नदी के किनारे मिला था बम
लखीमपुर जिले के उपायुक्त, प्रणब जित काकोटी ने बताया कि यह बम 27 सितंबर 2024 को झिली नदी के किनारे वायुसेना द्वारा खोजा गया था। उन्होंने बताया, "यह बम उस समय सक्रिय था जब इसे बरामद किया गया था। इसे वायुसेना के विशेषज्ञों द्वारा दुलुंग रिजर्व फॉरेस्ट में निष्क्रिय किया गया।"
बरती गईं सावधानियां
विभागीय वन अधिकारी, मनोज कुमार गोस्वामी ने बताया कि बम निष्क्रिय करने के दौरान जंगली जीवन की सुरक्षा के लिए सभी आवश्यक सावधानियां बरती गईं। उन्होंने कहा, "हमने बम निष्क्रिय किए जाने वाली जगह के चारों ओर लगभग 3.5 किलोमीटर का क्षेत्र खाली कर दिया था। यह एक सफल प्रक्रिया थी, बिना किसी समस्या के।"
हिरोशिमा-नागासाकी पर गिराए गए थे बम
द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान सबसे खौफनाक मंजर जापान में था। परमाणु बम से जापान के दो शहर हिरोशिमा और नागासाकी को पूरी तरह तबाह कर दिया गया था। पहला परमाणु बम 6 अगस्त 1945 को सुबह 8:15 बजे हिरोशिमा पर गिराया गया था। वहीं, दूसरा 9 अगस्त को नागासाकी पर गिराया गया था। नागासाकी पर गिराए गए बम का नाम फैट मैन था। यह 4500 किलो वजनी और 11.5 फीट लंबा था। वहीं, हिरोशिमा पर गिराए गए बम का नाम कोडनेम लिटिल बॉय था। इसका वजन 4000 किलो और लंबाई 10 फीट थी।
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