असम के नागौन में सामूहिक दुष्कर्म का शिकार हुई 14 साल की नाबालिग के पिता ने दिल दहला देने वाला खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि घटना के बाद जब वह लड़की से मिले तो वह बड़ी मुश्किल से बात कर पा रही थी। हालांकि, अस्पताल में भर्ती होने के बाद लड़की की हालत में सुधार हुआ है। अब वह खतरे से बाहर है। इस मामले में तीन लोगों को आरोपी बनाया गया है। मुख्य आरोपी की मौत हो चुकी है और अन्य दो फरार हैं। ऐसे में लड़की के पिता का कहना है कि जल्द से जल्द बाकी दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर सजा दी जानी चाहिए।
हैवानियत का शिकार हुई लड़की गांव में अपना दादा-दादी के साथ रहती है। उसकी मां का निधन हो चुका है और पिता गुवाहाटी में नौकरी करते हैं। पीड़िता गांव की एकमात्र लड़की है, जो दूसरे स्कूल में पढ़ने जाती है, क्योंकि वह इंग्लिश मीडियम स्कूल है। लड़की के पास फोन नहीं था और वह घर से लगभग 6 किलोमीटर दूर ट्यूशन पढ़ने जाती थी। घटना के दिन जब वह शाम तक नहीं लौटी तो उसके दादी-दादी को चिंता हुई।
बेहोशी की हालत में मिली लड़की
लड़की के साथ पढ़ने वाले बच्चों से बात करने पर पता चला कि वह काफी पहले ही ट्यूशन से निकल चुकी है। इसके बाद लड़की लगभग बेहोशी की हालत में उसके गांव तक जाने वाली सड़क के किनारे पाया गया। इस जगह पर लाइट नहीं हैं और चारों तरफ धान के खेत हैं। लड़की के पिता ने बताया कि घटना के बाद वह बड़ी मुश्किल से कुछ बोल पा रही थी।
मुख्य आरोपी की मौत
इस मामले में पुलिस ने 24 साल के तफाजुल इस्लाम को गिरफ्तार किया था, जो इस मामले का मुख्य आरोपी था। हालांकि, पुलिस हिरासत के दौरान आरोपी ने भागने की कोशिश की और वह तालाब में गिर गया। उसके हाथ में हथकड़ी लगी हुई थी। ऐसे में डूबने से उसकी मौत हो गई। लड़की के पिता का कहना है कि बाकी दोनों आरोपियों को पकड़कर जल्द से जल्द सजा दी जानी चाहिए। वहीं, राज्य के मुख्यमंत्री हिमंत बिश्वा सरमा का कहना है कि उनकी सरकार महिलाओं के खिलाफ अपराध को लेकर जीरो टोलरेंस की नीति अपनाती है। विपक्ष ने मुख्य आरोपी की मौत को लेकर पुलिस की भूमिका पर सवाल खड़े किए हैं कि पुलिस की गिरफ्त से भगाकर आरोपी का आत्महत्या करना पुलिसकर्मियों की भूमिका पर सवाल खड़े करता है।
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