Thursday, November 21, 2024
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'रात में कैंपस में अकेले न घूमें', कोलकाता की घटना के बाद इस मेडिकल कॉलेज ने जारी की एडवाइजरी

अधिकारियों ने महिला डॉक्टरों और अन्य कर्मचारियों को रात में सुनसान, कम रोशनी वाले और कम आबादी वाले इलाकों में नहीं घूमने का सुझाव दिया है।

Edited By: Niraj Kumar @nirajkavikumar1
Updated on: August 14, 2024 11:50 IST
Doctors Protest- India TV Hindi
Image Source : PTI डॉक्टर्स का धरना प्रदर्शन

सिलचर: कोलकाता के अस्पताल में जूनियर डॉक्टर की रेप के बाद हत्या की घटना ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है। इस बीच असम के सिलचर मेडिकल कॉलेज (SMCH) की तरफ से महिला डॉक्टरों के लिए एक एडवाइजरी जारी कर उन्हें रात में अकेले घूमने से मना किया गया है। हालांकि इस एडवाइजरी की के चलते SMCH प्रबंधन को आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है। सिलचर मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल और मुख्य अधीक्षक डॉ. भास्कर गुप्ता के अनुसार, यह एडवाइजरी हाल ही में कोलकाता के आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज में हुई दुखद और निंदनीय घटना के मद्देनजर जारी की गई है। अधिकारियों ने महिला डॉक्टरों और अन्य कर्मचारियों को रात में सुनसान, कम रोशनी वाले और कम आबादी वाले इलाकों में नहीं घूमने का सुझाव दिया है।

जरूरी न हो तो रात में हॉस्टल से नहीं निकलें

डॉ. गुप्ता की ओर से जारी एडवाइजरी में लिखा है- "महिला डॉक्टरों, छात्राओं और कर्मचारियों को यथासंभव ऐसी स्थितियों से बचना चाहिए, जहां वे अकेले हों। रात के समय जब तक कि जरूरी न हो छात्रावास या लॉजिंग रूम से बाहर न निकलें। अगर बहुत जरूरी हो तो संबंधित प्राधिकारी को पहले से सूचित कर दें।" उन्होंने आगे सुझाव दिया कि वे देर रात परिसर से बाहर जाने से बचें। सभी छात्रावास की सीमाओं को संस्थान और प्रशासन द्वारा निर्धारित छात्रावास मानदंडों और विनियमों का पालन करना चाहिए। सतर्क रहें और ऐसे लोगों से बचें जो अनजान या संदिग्ध स्वभाव के हों। हमेशा सुनिश्चित करें कि आपके पास इमरजेंसी हालात से निपटने के लिए संपर्क का कोई साधन हो। 

आस-पास के माहौल के प्रति सतर्क रहें

उन्होंने लिखा, "ड्यूटी पर रहते हुए आपको भावनात्मक रूप से शांत रहना चाहिए, आस-पास के माहौल के प्रति सतर्क रहना चाहिए और लोगों से शालीनता से पेश आना चाहिए, ताकि आप बेईमान लोगों का अनावश्यक ध्यान अपनी ओर आकर्षित न करें। अधिकारियों ने कहा कि किसी भी मुद्दे या शिकायत को तुरंत लिंग उत्पीड़न समिति, अनुशासन समिति, आंतरिक शिकायत समिति, एंटी रैगिंग समिति के अध्यक्ष/सदस्यों को सूचित किया जाना चाहिए।डॉ गुप्ता ने लिखा, "यह सिलचर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के डॉक्टरों, छात्रों और कर्मचारियों के व्यापक हित में जारी किया गया है, जिसमें महिला सदस्यों पर विशेष जोर दिया गया है।"

छात्रों ने एडवाइजरी की आलोचना की

डॉ. गुप्ता का कहना है कि कि किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए इस तरह की पहल जरूरी है।  हालांकि, छात्रों ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की और उन्होंने कहा कि अधिकारियों को उन्हें अपने कमरों में रहने के लिए कहने के बजाय सुरक्षा व्यवस्था में सुधार करना चाहिए। नाम न बताने की शर्त पर एक महिला डॉक्टर ने कहा, "हमें अक्सर पुरुष कर्मचारियों और पुरुष परिचारकों द्वारा छेड़छाड़ और अश्लील शब्दों का सामना करना पड़ता है। हमने कई बार हाईलाइट करने कोशिश की, लेकिन कुछ नहीं बदला। अब, हमें परिसर के अंदर उचित सुरक्षा देने के बजाय, एसएनसीएच के अधिकारी हमें कमरों में रहने के लिए कह रहे हैं। हम इससे आहत और शर्मिंदा हैं।  एसएमसीएच के जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन (जेडीएस) ने भी इसकी निंदा की और उन्होंने कहा कि सलाह तैयार करते समय इस्तेमाल किए गए शब्द परेशान करने वाले हैं।

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