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असम विधानसभा में हिमंत विश्व शर्मा ने कहा- ’मियां’ मुस्लिमों को असम पर कब्जा नहीं करने दूंगा, मच गया बवाल

असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने विधानसभा में एक बड़ा बयान देते हुए कहा कि मियां मुस्लिमों को असम पर कब्जा नहीं करने देंगे। मुख्यमंत्री के इस बयान के बाद सदन में हंगामा मच गया।

Edited By: Vineet Kumar Singh @VickyOnX
Published : Aug 27, 2024 23:42 IST, Updated : Aug 27, 2024 23:42 IST
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Image Source : X.COM/HIMANTABISWA असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा।

गुवाहाटी: असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने मंगलवार को कहा कि वह पक्षपात करेंगे और ‘मियां’ मुसलमानों को असम पर कब्जा नहीं करने देंगे। शर्मा नागांव में 14 साल की एक बच्ची के साथ रेप और उसकी हत्या की घटना की पृष्ठभूमि में राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति पर विपक्षी दलों के कार्य स्थगन प्रस्ताव के संबंध में विधानसभा में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि अगर जनसंख्या वृद्धि को नियंत्रित रखा जाता तो अपराध की दर नहीं बढ़ती। शर्मा ने कहा, ‘बलात्कार का एक भी केस स्वीकार्य नहीं है। फिर भी यदि पिछले कुछ साल में रेप के मामलों की संख्या के साथ जनसंख्या वृद्धि पर ध्यान दिया जाए तो अपराध दर कम हो गई है। पिछले 10 साल में बहुत सुधार हुआ है।’

‘मारवाड़ी समुदाय ने केस में उदारता दिखाई’

शिवसागर में 17 साल के एक पहलवान पर कथित हमले के लिए मारवाड़ी समुदाय के सदस्यों द्वारा घुटने टेककर माफी मांगने के घटनाक्रम पर शर्मा ने दावा किया कि यह एक ‘स्वैच्छिक’ कदम था। उन्होंने विपक्ष के नेता देबब्रत सैकिया के आरोपों को खारिज कर दिया। शर्मा ने दावा किया, ‘हमारे कैबिनेट मंत्री रनोज पेगु को यह सुनिश्चित करने के लिए भेजा गया था कि कोई गलतफहमी न हो। मारवाड़ी समुदाय ने उदारता दिखाई और मामला सुलझ गया। किसी ने उन्हें घुटने टेकने के लिए मजबूर नहीं किया।’ सैकिया ने पलटवार करते हुए कहा कि अगर पुलिस ने हमले में शामिल लोगों को तुरंत गिरफ्तार कर लिया होता तो मामला इतना बिगड़ता ही नहीं।

‘क्या कांग्रेस को बहुसंख्यकों की जरूरत नहीं?’

शर्मा ने दावा किया कि अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों द्वारा मारवाड़ियों के खिलाफ सोशल मीडिया पर किए गए पोस्ट ने तनाव को बढ़ा दिया, जिस पर कांग्रेस और AIUDF ने आरोप लगाया कि वह इस मुद्दे पर ‘गंदी राजनीति’ कर रहे हैं। जब विपक्षी विधायकों ने अपनी आवाज उठाई, तो मुख्यमंत्री ने सवाल किया, ‘जब हम अल्पसंख्यकों के बारे में बात करते हैं तो आप नाराज क्यों होते हैं? क्या कांग्रेस ने यह घोषित कर दिया है कि उसे बहुसंख्यक समुदाय की जरूरत नहीं है?’ शर्मा ने कांग्रेस और AIUDF विधायकों पर निशाना साधते हुए कहा, ‘आपके बीच अल्पसंख्यक वोटों के लिए प्रतिस्पर्धा है, मैं इस दौड़ में नहीं हूं।’

सीएम के बयान के बाद शुरू हुआ हंगामा

जब विपक्ष ने उन पर पक्षपात करने का आरोप लगाया, तो शर्मा ने पलटवार करते हुए कहा, ‘मैं पक्षपात करूंगा। आप क्या कर लेंगे?’ तीखी नोकझोंक के बीच AIUDF विधायक रफीकुल इस्लाम ने कहा कि निचले असम के लोग ऊपरी असम के जिलों में जाएंगे क्योंकि यह उनका अधिकार है। उन्होंने कुछ संगठनों के इस फरमान का हवाला दिया कि लोग ऊपरी असम से तुरंत चले जाएं। शर्मा ने जवाब में कहा, ‘निचले असम के लोग ऊपरी असम क्यों जाएंगे? ताकि मियां मुस्लिम असम पर कब्जा कर लें। हम ऐसा नहीं होने देंगे।’ मुख्यमंत्री के बयान के बाद सदन में हंगामा शुरू हो गया और सत्तापक्ष तथा विपक्ष के सदस्य आसन के समीप आ गए।

बांग्लाभाषी मुसलमानों को कहते हैं ‘मियां’

विधानसभा अध्यक्ष बिश्वजीत दैमारी ने विपक्ष के कार्य स्थगन प्रस्ताव के नोटिस को खारिज करते हुए कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित कर दी। बांग्लाभाषी मुस्लिम समुदाय के लोगों के लिए ‘मियां’ शब्द का इस्तेमाल विरोध स्वरूप किया जाता रहा है और गैर-बांग्ला भाषी लोग आमतौर पर उन्हें बांग्लादेशी प्रवासी बताते हैं। पिछले कुछ साल में गैर-बांग्ला भाषी समुदाय के लोगों ने इस शब्द का इस्तेमाल शुरू कर दिया है। कांग्रेस, AIUDF और CPM के विधायकों तथा एकमात्र निर्दलीय सदस्य अखिल गोगोई ने राज्य में महिलाओं के खिलाफ अपराध समेत बढ़ती जुर्म की घटनाओं से उत्पन्न हालात पर चर्चा के लिए कार्य स्थगन प्रस्ताव दिया था।

‘इस्लाम के बयान से खराब होगा माहौल’

सदन की कार्यवाही पुन: शुरू हुई तो मुख्यमंत्री ने इस मुद्दे पर अपनी बात जारी रखते हुए दावा किया कि AIUDF विधायक इस्लाम के बयान से माहौल खराब हो जाएगा और उनका लहजा आक्रामक था। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी व्यक्ति का किसी भी स्थान पर जाकर बसना या काम करना उसका संवैधानिक अधिकार है, लेकिन यदि ऐसा करने का स्थानीय लोगों द्वारा स्वागत नहीं हो तो नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘जब तक मूल निवासियों के अधिकार सुरक्षित हैं, वे ऐसा कर सकते हैं। लेकिन अगर कोई स्थानीय लोगों पर प्रभुत्व जमाने की कोशिश करेगा तो यह अच्छा नहीं होगा।’

अखिल गोगोई हुए कुछ देर के लिए सस्पेंड

शर्मा ने कहा कि ‘मियां’ मुस्लिम और उनकी ओर से पक्ष रख रहे विपक्षी विधायकों को अपने कार्यों से साबित करना होगा कि किसी भी तरह से हिंदुओं को कोई खतरा नहीं है। उन्होंने कहा, ‘अगर कोई हिंदू परिवार किसी मुस्लिम बहुल इलाके में अपराध का शिकार होता है तो उस इलाके के मुसलमानों को उनकी आशंकाओं को दूर करना चाहिए और सुनिश्चित करना चाहिए कि उन्हें इलाका छोड़कर नहीं जाना पड़े।’ इस बीच विधानसभा अध्यक्ष ने अखिल गोगोई को कार्यवाही बाधित करने के लिए कुछ देर को सदन से निलंबित कर दिया। (भाषा)

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