Friday, March 07, 2025
Advertisement
  1. Hindi News
  2. नॉर्थ ईस्ट
  3. असम
  4. असम में GBS के कारण पहली मौत, 17 साल की लड़की बनी शिकार

असम में GBS के कारण पहली मौत, 17 साल की लड़की बनी शिकार

12वीं कक्षा में पढ़ने वाली लड़की को 10 दिन पहले अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उसकी हालत गंभीर थी और उसे वेंटिलेटर पर रखा गया था। इसके बावजूद उसकी जान नहीं बचाई जा सकी।

Edited By: Shakti Singh
Published : Feb 01, 2025 16:50 IST, Updated : Feb 01, 2025 16:50 IST
Representative Image
Image Source : X प्रतीकात्मक तस्वीर

महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल के बाद देश के अन्य राज्यों में भी जीबीएस (गिलियन-बैरे सिंड्रोम) के मामले बढ़ रहे हैं। अब असम में भी इस तरह का मामला सामने आया है। एक निजी अस्पताल में संदिग्ध (जीबीएस) के कारण 17 वर्षीय एक लड़की की मौत हो गई। यह इस मौसम में असम में इस तरह का पहला मामला है। स्वास्थ्य सुविधा के डॉक्टरों ने शनिवार को लड़की की मौत के बारे में बताया, लेकिन अस्पताल और राज्य स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई।

अस्पताल के एक बाल रोग विशेषज्ञ ने नाम न बताने की शर्त पर बताया, "कक्षा-12 की लड़की को लगभग 10 दिन पहले प्रतीक्षा अस्पताल में भर्ती कराया गया था और उसे जीबीएस होने का पता चला था।" जीबीएस एक दुर्लभ स्थिति है जो अचानक सुन्नपन और मांसपेशियों में कमजोरी का कारण बनती है, जिसमें अंगों में गंभीर कमजोरी और दस्त जैसे लक्षण शामिल हैं।

देश में जीबीएस के मामले बढ़े

डॉक्टर ने कहा, "लड़की की हालत बिगड़ गई और उसे वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया। यह जीबीएस की बहुत गंभीर किस्म थी और कल रात उसकी मौत हो गई।" उन्होंने कहा कि यह इस मौसम में "असम में जीबीएस का पहला ज्ञात मामला" है, हालांकि यह एक बहुत ही आम जीवाणु रोग है, जो तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करता है। "पिछले छह महीनों में जीबीएस का कोई मामला सामने नहीं आया। पूरे भारत में जीबीएस के मामलों की बाढ़ सी आ गई है और कई जगहों पर इसका पता चला है।" 

जीबीएस के मामले बढ़ने का डर

"मृतक के लक्षण देश के अन्य हिस्सों जैसे महाराष्ट्र, दक्षिण भारत और पश्चिम बंगाल में जीबीएस से पीड़ित लोगों से मिलते-जुलते थे। हमें डर है कि आने वाले दिनों में ऐसे और मामले सामने आ सकते हैं।" लड़की बिहार की रहने वाली थी और असम में रह रही थी। लड़की के पिता के एक सहकर्मी ने बताया, "माता-पिता उसे बेहतर इलाज के लिए दिल्ली ले जाना चाहते थे और इसके लिए एयर एंबुलेंस की भी व्यवस्था की गई थी। हालांकि, वह बच नहीं पाई और कल रात उसकी मौत हो गई।" 

जीबीएस को लेकर घबराने की जरूरत नहीं

एक वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ सर्जन ने अपना नाम उजागर न करने की शर्त पर बताया कि पूरे राज्य में हर साल जीबीएस के मामले सामने आते हैं और आमतौर पर यह बहुत गंभीर नहीं होता। "हालांकि जीबीएस के कारण कुछ मरीज लकवाग्रस्त हो जाते हैं, लेकिन उचित दवा से वे ठीक हो जाते हैं। वे पूरी तरह से सामान्य नहीं हो सकते हैं, लेकिन वे अपने दैनिक काम खुद कर सकते हैं। उन्होंने कहा, "इसलिए जीबीएस को लेकर कोई घबराहट पैदा करने की जरूरत नहीं है।" (इनपुट- पीटीआई)

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Assam News in Hindi के लिए क्लिक करें नॉर्थ ईस्ट सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement