गुवाहाटी: बदरुद्दीन अजमल की पार्टी ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (AIUDF) ने असम में मुसलमानों के लिए 10 फीसदी आरक्षण की मांग की है। एआईयूडीएफ विधायक अमीनुल इस्लाम ने मंगलवार को कहा कि उनकी पार्टी ने राज्य में मुसलमानों के लिए 10 फीसदी आरक्षण चाहती है। अमीनुल इस्लाम ने कहा कि असम में मुसलमान पिछड़े और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग हैं। हमने राज्य में सरकारी नौकरियों और अन्य सरकारी योजनाओं में मुसलमानों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण की मांग की है।
एआईयूडीएफ विधायक ने दिए ये तर्क
एआईयूडीएफ विधायक ने यह भी कहा कि राज्य में मुस्लिम आबादी बढ़ी है, लेकिन असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा की सरकार आंकड़े जारी नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद से असम के कुछ जिलों में मुस्लिम आबादी बहुसंख्यक थी। लेकिन बाद में उन जिलों को विभाजित कर कुछ नए जिले बनाए गए। 2011 की जनगणना रिपोर्ट के मुताबिक असम में 34 फीसदी मुस्लिम आबादी थी और इसमें 2-3 फीसदी की बढ़ोतरी हो सकती है।
ढिंग गैंगरेप कांड पर कही ये बात
वहीं, हाल ही में हुए ढिंग गैंगरेप कांड और पिछले दो महीनों में राज्य में 23-24 रेप की घटनाओं के बारे में बात करते हुए एआईयूडीएफ विधायक ने कहा कि हाल के दिनों में राज्य में करीब 300 रेप की घटनाएं हुई हैं, लेकिन असम के मुख्यमंत्री केवल चुनिंदा 23-24 बलात्कार मामलों की बात कर रहे हैं जिनमें आरोपी मुस्लिम हैं।
भाजपा के नेतृत्व वाली असम सरकार पर निशाना साधते हुए एआईयूडीएफ विधायक ने आरोप लगाया कि ढिंग सामूहिक बलात्कार घटना के एक आरोपी व्यक्ति की हत्या कर दी गई और सरकार ने वास्तविक तथ्यों को छिपाने की कोशिश की है।अगर ढिंग गैंग रेप कांड का गिरफ्तार आरोपी जिंदा होता तो शायद कुछ नए तथ्य सामने आ सकते थे। हो सकता है कि इस अपराध में गैर-मुस्लिम आरोपी भी शामिल हों लेकिन सरकार ऐसा नहीं चाहती थी।
रफीकुल इस्लाम ने भी सीएम पर साधा निशाना
वहीं, एआईयूडीएफ विधायक रफीकुल इस्लाम ने कहा कि असम के 3.4 करोड़ लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करना मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी है। दुर्भाग्य से जवाब देते समय सीएम एक समुदाय के पक्ष में थे और दूसरे के ख़िलाफ़। वह राज्य के एक हिस्से के लोगों से दूसरे हिस्से की यात्रा न करने के लिए नहीं कह सकते।
इनपुट-एएनआई