असम के दिग्गज नेता रिपुन बोरा ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को बड़ा झटका दिया है। असम के तृणमूल कांग्रेस (TMC) अध्यक्ष रिपुन बोरा ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया। टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी को उन्होंने पत्र लिखा है। इसमें रिपुन बोरा ने कहा, 'असम टीएमसी में काफी संभावनाएं हैं। पश्चिम बंगाल में टीएमसी को क्षेत्रीय पार्टी मानने की धारणा सहित कई मुद्दों ने हमारी प्रगति में बाधा डाली है। इस धारणा का मुकाबला करने के लिए हमने कई सुझाव दिए, जैसे कि राष्ट्रीय स्तर पर एक असम के नेता की आवश्यकता है।'
ममता बनर्जी ने नहीं दिया मिलने का समय
इसके साथ ही रिपुन बोरा ने कहा कि टॉलीगंज में भारत रत्न डॉक्टर भूपेन हजारिका के निवास को एक विरासत स्थल घोषित करना और कूच बिहार में मधुपुर सत्र को एक सांस्कृतिक केंद्र में परिवर्तित करना। इन चिंताओं को दूर करने के लिए पिछले डेढ़ साल में आपसे और हमारी मुख्यमंत्री ममता दीदी से मिलने का समय लेने के मेरे बार-बार प्रयासों के बावजूद, मैं असफल रहा हूं। इसके चलते वह पार्टी से इस्तीफा दे रहे हैं।'
असम के लोग TMC को नहीं कर रहे स्वीकार
रिपुन बोरा ने कहा, ' साल 2022 में वह टीएमसी में शामिल हुए क्योंकि ममता बनर्जी के अडिग नेतृत्व से प्रभावित थे। ममता बनर्जी जिस तरह से पश्चिम बंगाल में बीजेपी के खिलाफ लड़ रही थीं, वह बीजेपी को रोकने में काफी सफल रहीं। मुझे लगा कि टीएमसी के मंच से हम असम में बीजेपी के खिलाफ अपनी लड़ाई तेज कर सकते हैं। बाद में उन्होंने अनुभव किया कि असम के लोग राज्य में टीएमसी को स्वीकार करने के लिए इच्छुक नहीं हैं।'
TMC में रहेंगे तो उन्हें नहीं मिलेगा कोई नतीजा
बोरा ने कहा कि असम के लोग टीएमसी को बंगाल की एक क्षेत्रीय पार्टी के रूप में देखते हैं। इसमें कोई शक नहीं कि लोगों के मन में ममता बनर्जी के लिए बहुत गहरा सम्मान है। असम के लोग टीएमसी को स्वीकार नहीं करना चाहते हैं। इसलिए उन्होंने तय किया है कि अगर लोग इसे स्वीकार नहीं करते हैं, तो हम टीएमसी के जरिए बीजेपी के खिलाफ लड़ाई को कैसे तेज कर सकते हैं। इसके बाद उन्होंने तय किया कि अगर वह सिर्फ टीएमसी में ही रहेंगे, तो उन्हें कोई नतीजा नहीं मिलेगा। यह उनके समय और ऊर्जा की बर्बादी रहेगी।