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असम में गोलपाड़ा के हिरासत शिविर से तीन रोहिंग्या फरार, अंधेरे का फायदा उठाकर भागे

जिस डिटेंसन सेंटर से तीन संदिग्ध रोहिंग्या फरार हुए हैं। वह जनवरी 2023 में स्थापित किया गया था, जिसमें राज्य में अवैध रूप से रह रहे कथित विदेशियों को रखा जाता है।

Edited By: Shakti Singh
Published : Jan 04, 2025 21:48 IST, Updated : Jan 04, 2025 21:48 IST
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Image Source : META AI प्रतीकात्मक तस्वीर

असम में गोलपाड़ा जिले के एक हिरासत शिविर से तीन संदिग्ध रोहिंग्या फरार हो गए हैं, जिन्हें पकड़ने के लिए पुलिस ने तलाशी अभियान शुरू किया है। एक अधिकारी ने शनिवार को बताया कि तीनों गुरुवार की रात अंधेरे का फायदा उठाकर मटिया स्थित शिविर की दीवार फांदकर भाग गए। पुलिस ने बताया कि उनके भागने का पता शुक्रवार को तब चला जब शिविर के अधिकारी हाजिरी ले रहे थे।

हिरासत शिविर से भागने वाले तीन बंदियों की पहचान बोदी आलम, मुस्तफा कमाल और अब्दुल कादर के रूप में की गई है। पुलिस महानिरीक्षक (कानून एवं व्यवस्था) अखिलेश सिंह ने घटना की जांच करने के लिए शनिवार को ट्रांजिट कैंप का दौरा किया। यह हिरासत शिविर जनवरी 2023 में स्थापित किया गया था, जिसमें राज्य में अवैध रूप से रह रहे कथित विदेशियों को रखा जाता है। 

अवैध रोहिंग्या प्रवासी ने पुणे में बनवा लिया था घर

भारत में अवैध रूप से रहने के आरोप में पिछले साल गिरफ्तार किए गए म्यांमा के एक रोहिंग्या व्यक्ति ने पुणे के एक इलाके में जमीन खरीदकर रहने के लिए घर भी बनवाया था। जुलाई में पिंपरी-चिंचवाड़ पुलिस ने दो रोहिंग्या दंपतियों को देश में अवैध तरीके से प्रवेश करने और रहने के आरोप में गिरफ्तार किया था। पुलिस अधिकारी ने बुधवार को बताया कि जांच में पता चला कि उनमें से एक मुजम्मिल खान (45) ने देहू रोड इलाके में 80,000 रुपये में एक छोटा सा भूखंड खरीदा था और अपने सुपारी बेचने के व्यवसाय से होने वाली कमाई से उस पर घर बनवाया था। उसने और उसकी पत्नी ने भारतीय पासपोर्ट के अलावा आधार और पैन कार्ड भी बनवा लिए थे। पुलिस ने जांच में पाया कि वे 2013 से इस इलाके में रह रहे थे। 

2012 में आया था भारत

खान ने पुलिस को बताया कि वह 2012 में अपने परिवार के साथ म्यांमा से भाग गया था और अवैध रूप से सीमा पार करके पश्चिम बंगाल में प्रवेश करने से पहले उसने बांग्लादेश में एक शरणार्थी शिविर में शरण ली थी। पुणे पहुंचने के बाद उसने एक कंपनी में काम किया और बाद में सुपारी का व्यापार शुरू कर दिया। दंपति ने महाराष्ट्र के भिवंडी से आधार और पैन कार्ड बनवाए। यह जमीन कांबले नामक महिला से बिना किसी कानूनी दस्तावेज के खरीदी गई थी और आधिकारिक भूमि रिकॉर्ड में इस लेनदेन का कोई भी ब्यौरा नहीं है। अधिकारी ने कहा, “खान ने अपने, अपनी पत्नी और दो बच्चों के लिए भारतीय पासपोर्ट प्राप्त कर लिया था और वह मक्का जाने की योजना बना रहा था।” खान दंपति की गिरफ्तारी इस्माइल उर्फ ​​शाहिद शेख नामक रोहिंग्या की गिरफ्तारी के बाद हुई थी। शेख और उसकी पत्नी पर अवैध रूप से भारत में प्रवेश करने का संदेह था। 

(इनपुट- पीटीआई भाषा)

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