असम में हिमंत बिस्वा सरमा बाल विवाह रोकने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। इसी साल जुलाई में सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा था कि बाल विवाह के खिलाफ हर छह माह में विशेष अभियान संचालित किया जाएगा। अब उन्होंने अपना वादा पूरा करते हुए लड़कियों के लिए खास स्कॉलरशिप योजना शुरू की है। इसके तहत स्कूल और कॉलेज में पढ़ने वाली सभी छात्राओं को हर महीने एक हजार रुपये मिलेंगे। वहीं, स्नातकोत्तर के बाद पढ़ाई के लिए हर महीने 2500 रुपये की छात्रवृत्ति दी जाएगी।
इस योजना की जानकारी देते हुए सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा, "बाल विवाह की प्रथा को रोकने के लिए स्कूल और कॉलेजों में पढ़ने वाली छात्राओं को हर महीने 1000 रुपये की छात्रवृत्ति मिलेगी। स्नातकोत्तर छात्राओं को हर महीने 2,500 रुपये मिलेंगे। यह कदम असम में बाल विवाह रोकने में मददगार साबित होगा।"
बाल विवाह उन्मूलन अभियान को तेज कर रही है असम सरकार
इसी साल फरवरी में असम राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एएससीपीसीआर) के अध्यक्ष श्यामल प्रसाद सैकिया ने कहा था कि असम बालिकाओं के अधिकारों और शिक्षा के क्षेत्र में लैंगिक भेदभाव से जूझ रहा है। जिन समाज में अशिक्षा, गरीबी और लैंगिक भेदभाव मौजूद हैं, वहां बाल विवाह की समस्या चुनौती बनी हुई है। बाल विवाह के खिलाफ सख्त रुख के लिए पहचानी जाने वाली असम सरकार इस सामाजिक समस्या से निपटने के अभियान को तेज कर रही है। बाल विवाह पर अंकुश लगाने के लिए, असम सरकार ने पिछले साल बाल विवाह के खिलाफ दो चरण में अभियान चलाया, जिसके परिणामस्वरूप कई गिरफ्तारियां हुईं और मामले दर्ज हुए। पिछले साल फरवरी में पहले चरण में 3,483 लोगों को गिरफ्तार किया गया था और 4,515 मामले दर्ज किए गए थे, इसके बाद अक्टूबर में दूसरे चरण में 915 गिरफ्तारियां हुईं और 710 मामले दर्ज किए गए थे।
हर छह माह में विशेष अभियान
जुलाई में हिमंत विश्व शर्मा ने कहा था कि उनकी सरकार बाल विवाह पर रोक लगाने के लिए अभियान जारी रखेगी और इस सामाजिक बुराई के खिलाफ हर छह महीने में विशेष अभियान संचालित किया जाएगा। पुलिस महानिदेशक को वर्ष के अंत में बाल विवाह पर अगले दौर की कार्रवाई के लिए प्रारंभिक सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया जा चुका है। उन्होंने यह दावा भी किया था कि सरकार की कार्रवाई से बाल विवाह के मामलों में कमी आई है। अपने दावे के समर्थन में उन्होंने एक निजी संगठन के आंकड़े भी पेश किए थे। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों और राज्य के 20 जिलों के 1,132 गांवों में किए गए सर्वेक्षण में पता चला है कि इनमें से 30 प्रतिशत क्षेत्रों में बाल विवाह का ‘‘पूर्ण उन्मूलन’’ हो गया है, जबकि 40 प्रतिशत क्षेत्रों में इस प्रथा में ‘‘काफी कमी’’ आई है।