असम में शनिवार को भी बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी रहने के साथ ही छह और लोगों की मौत हो गई। राज्य की प्रमुख नदियां कई स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रहीं हैं। बाढ़ से करीब 24 लाख लोग प्रभावित हैं। एक आधिकारिक बुलेटिन में यह जानकारी दी गई। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) के बुलेटिन के अनुसार, विनाशकारी बाढ़ के चलते चराईदेव में दो तथा ग्वालपाड़ा, मोरीगांव, सोनितपुर और तिनसुकिया जिलों में एक-एक व्यक्ति की मौत हो गई। इस साल असम में बाढ़, भूस्खलन और तूफान से 72 लोगों की मौत हो चुकी है।
बाढ़ से 29 जिलों के लगभग 24 लाख लोग हुए प्रभावित
बुलेटिन के अनुसार, 29 जिलों में बाढ़ से कुल 23,96,648 लोग प्रभावित हुए हैं, जबकि 68,768.5 हेक्टेयर फसल जलमग्न हो गई है। कुल 53,429 प्रभावित लोगों ने 577 राहत शिविरों में शरण ली है। ब्रह्मपुत्र नदी निमतीघाट, तेजपुर, ग्वालपाड़ा और धुबरी में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। इसकी सहायक नदियां भी कई स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। बता दें कि असम के प्रसिद्ध काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान (केएनपी) में विनाशकारी बाढ़ ने 114 जंगली जानवरों की जान ले ली है, जबकि 95 अन्य को शनिवार तक बचा लिया गया है। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। केएनपी में शुक्रवार तक पशु मृत्यु दर बढ़कर 77 हो गई है। केएनपी में डूबने से चार गैंडे और 94 ‘हॉग हिरण’ की जान चली गई। इसके अलावा इनमें इलाज के दौरान मरने वाले 11 अन्य पशु शामिल हैं।
काजीरंगा नेशनल पार्क में कई जानवरों की मौत
केएनपी अधिकारी ने कहा कि वन अधिकारियों ने 86 हॉग हिरण, दो-दो सांभर हिरण और ‘स्कॉप्स उल्लू’ और गैंडे के बछड़े समेत खरगोश, ऊदबिलाव, हाथी और जंगली बिल्ली को बचाया। अधिकारी ने कहा कि फिलहाल 34 जानवर चिकित्सक की निगरानी में हैं, जबकि 50 अन्य को इलाज के बाद छोड़ दिया गया है। केएनपी से गुजरने वाले राजमार्ग पर तेज गति वाले वाहन की चपेट में आने से एक हॉग हिरण की भी मौत हो गई। केएनपी में हाल के वर्षों में पशु मृत्यु दर के मामले में यह सबसे भीषण बाढ़ है। अधिकारी ने कहा कि पूर्वी असम वन्यजीव प्रभाग में कुल 233 शिविरों में से 66 जलमग्न हो गए हैं, जबकि शुक्रवार को 75 शिविर जलमग्न हो गए थे।
(इनपुट-भाषा)