असम के कछार जिले में तीन दिन पहले पुलिस के साथ कथित मुठभेड़ में मारे गए तीन संदिग्ध हमार उग्रवादियों में से एक को पहले भी आतंकवाद के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। एक शीर्ष अधिकारी ने यह दावा किया है। यह बयान मारे गए युवकों के परिवारों द्वारा पुलिस में शिकायत दर्ज कराए जाने के बाद आया है।
संदिग्ध उग्रवादियों के परिजन ने इस बात की जांच किए जाने की मांग की है कि तीनों की मौत किन परिस्थितियों में हुई। इसके अलावा हमार समुदाय के एक शीर्ष निकाय ने भी राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) से इन ‘‘न्यायेतर’’ मौतों का स्वत: संज्ञान लेने का आग्रह किया है।
17 जुलाई को हुई मुठभेड़
पुलिस के साथ 17 जुलाई को हुई मुठभेड़ में असम के लल्लुंगावी हमार (21) और लालबीकुंग हमार (33) तथा मणिपुर के जोशुआ (35) मारे गए थे। पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) जी पी सिंह ने दावा किया कि लालबीकुंग को हथियार और गोला-बारूद रखने के मामले में पहले भी गिरफ्तार किया गया था। सिंह ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘हाल में कछार जिले में असम सीमा पर हुई गोलीबारी में मारे गए आतंकवादियों में से एक का पहले भी आतंकवाद में लिप्त रहने का इतिहास रहा है।’’
2019 में हुआ था गिरफ्तार
अधिकारी ने बताया कि लालबीकुंग को चार जून 2019 को असम राइफल्स ने गिरफ्तार किया था और उसके पास से हथियार और गोला-बारूद बरामद किया था। उन्होंने बताया कि असम राइफल्स ने उसे लखीपुर पुलिस को सौंप दिया था। डीजीपी ने प्राथमिकी की प्रति और संदिग्ध उग्रवादी से 2019 में जब्त की गई वस्तुओं की तस्वीरें भी साझा कीं। युवकों के परिजन ने शुक्रवार को कछार जिले के लखीपुर पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई लेकिन पुलिस ने अभी तक प्राथमिकी दर्ज नहीं की है। मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा था, ‘‘सुबह-सुबह एक अभियान में कछार जिले की पुलिस ने असम और पड़ोसी मणिपुर के हमार के तीन उग्रवादियों को मार गिराया। पुलिस ने दो एके राइफल, एक अन्य राइफल और एक पिस्तौल भी बरामद की है।’’ (इनपुट- पीटीआई भाषा)