दिल्ली हाई कोर्ट ने भारत में समान नागरिक संहिता की आवश्यकता का समर्थन करते हुए केंद्र सरकार से इस मामले में आवश्यक कदम उठाने को कहा है। कोर्ट ने कहा कि अब समाज में धर्म, जाति और समुदाय की पारंपरिक रूढ़ियां टूट रही हैं, इसलिए समय आ गया है कि संविधान की धारा 44 के आलोक में समान नागरिक संहिता की तरफ कदम बढ़ाया जाए।