आज नवरात्र चतुर्थी की शाम में बेल के पेड़ की जड़ पर मिट्टी, इत्र, पत्थर और दही चढाएं। दो दिन तक ऐसा करने के बाद बेल के पेड़ के उत्तर पूर्व दिशा की एक छोटी टहनी तोड़कर घर लाएं। इस टहनी पर रोज 108 बार महालक्ष्मी मंत्र पढ़ें और नवमी के दिन इसे तिजोरी में रखें।