द्वितीय तिथि में मूल नक्षत्र का संयोग, जानिए क्या होता है इसका असर
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द्वितीय तिथि में मूल नक्षत्र का संयोग, जानिए क्या होता है इसका असर
दोपहर 2 बजकर 11 मिनट तक मूल नक्षत्र रहेगा | इसका अर्थ होता है- केन्द्रीय बिन्दु या जड़ | इसका प्रतीक चिन्ह भी एक साथ बंधी हुई कुछ पौधों की जड़ों को माना जाता है | मूल नक्षत्र के स्वामी केतु हैं |