सामुद्रिक शास्त्र: भाग्य रेखा और सूर्य रेखा पर त्रिशूल के चिह्न का अर्थ
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सामुद्रिक शास्त्र: भाग्य रेखा और सूर्य रेखा पर त्रिशूल के चिह्न का अर्थ
यदि हथेली में भाग्य रेखा के अंत में त्रिशूल का चिह्न बना हो और उसकी शाखाएं गुरु पर्वत, शनि पर्वत और सूर्य पर्वत की ओर जा रही हो तो राजयोग बनता है. अगर किसी के मंगल पर्वत पर त्रिशूल का चिह्न हो तो शिवयोग बनता है |