मिजोरम की एक जिला अदालत ने गुरुवार को 38 साल की एक महिला को अपनी भतीजी की हत्या के लिए 10 साल कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट के एक अधिकारी ने कहा कि चम्फाई जिले के अतिरिक्त और सत्र न्यायाधीश सिल्वी ज़ोमुआनपुई राल्ते ने चिंगसियानज़ोवी को दोषी ठहराया और 10 साल जेल की सजा सुनाई और साथ ही 5,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया।
पिछले साल कैंपिंग के दौरान की थी हत्या
कोर्ट के अधिकारी ने बताया कि अगर चिंगसियान्जोवी जुर्माना अदा करने में विफल रहती है तो उसे एक साल की और कैद भुगतनी होगी। बता दें कि पूर्वी मिजोरम के ख्वाज़ावल शहर की चिंग्सियानज़ोवी ने पिछले साल फरवरी में अपनी 13 साल की भतीजी कैथरीन टी. बियाक्सियामी की गला घोंटकर हत्या कर दी थी। जानकारी मिली है कि पिछले साल फरवरी में दोनों एक फार्महाउस पर कैंपिंग कर रहे थे कि तभी महिला ने अपनी भांजी को कैंप के लिए जलाऊ लकड़ी इकट्ठा करने के लिए भेजा। चिंगसियान्ज़ोवी ने कैथरीन को लकड़ी इकट्ठा करने के लिए कहा लेकिन जब उसकी भतीजी पर्याप्त लकड़ियां नहीं इकट्ठा कर सकी तो महिला को इस बात पर गुस्सा आ गया।
पहले पुलिस को गुमराह करती रही महिला
इस बात को लेकर दोनों के बीच झगड़ा हुआ और गुस्से में आकर चिंग्सियानज़ोवी ने अपनी भतीजी को 'ह्नम' (भार उठाने के लिए एक पारंपरिक पट्टा) की मदद से गला घोंटकर मार डाला। शुरुआत में, चिंगसियानज़ोवी ने अपनी भतीजी की हत्या से इनकार किया था और पुलिस को बताया कि एक अज्ञात व्यक्ति ने कैथरीन का अपहरण करने का प्रयास किया था और उसने अपराधी को पकड़ लिया और उसे रस्सी से बांध दिया। हालांकि, जब पुलिस टीम मौका-ए-वारदात पर पहुंची तो उन्हें लड़की फार्महाउस में मृत पड़ी मिली थी। इसके बाद पुलिस ने चिंगसियानज़ोवी को हिरासत में लिया और बाद में उसने अपना अपराध कबूल कर लिया।
चाची के साथ रहती थी अनाथ कैथरीन
वहीं इस मामले पर अभियोजन पक्ष ने कहा कि चिंग्सियानज़ोवी ने गलती से अपनी भतीजी की हत्या कर दी क्योंकि वह नशे में थी। उन्हें भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 304 और धारा 182 के तहत दोषी ठहराया गया। बता दें कि कैथरीन एक अनाथ बच्ची थी और वह खावज़ॉल शहर में अपनी चाची चिंगसियानज़ोवी के साथ रह रही थी।
(इनपुट- PTI)
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