भारत ने म्यांमार से भागकर मिजोरम पहुंचे 184 सैनिकों को उनके देश वापस भेज दिया है। हालांकि म्यांमार से कुल 276 सैनिक भागकर मिजोरम पहुंचे थे जिसमें से 184 को सोमवार यानी 22 जनवरी को उनके देश भेजा गया। एक अधिकारी के मुताबिक, शेष 92 सैनिकों को मंगलवार यानी 23 जनवरी को वापस उनके देश में भेज दिया जाएगा। आइए आपको बताते हैं कि यह सैनिक कब और क्यों म्यांमार से भागकर मिजोरम पहुंचे थे।
कब और क्यों मिजोरम पहुंचे म्यांमार के सैनिक
असम राइफल्स के अधिकारी के मुताबिक, बीते सप्ताह 17 जनवरी को हथियारों और गोला-बारूद के साथ दक्षिणी मिजोरम के लॉन्गतलाई जिले में भारत-म्यांमार-बांग्लादेश सीम पर स्थित बांडुकबंगा गांव में घूस गए और असम राइफल्स के पास पहुंच गए थे। दरअसल म्यांमार के सैनिकों के शिविर पर 'अराकन आर्मी' के लड़ाकों ने कब्जा कर लिया था जिसके बाद ये सैनिक भागकर मिजोरम पहुंचे थे।
अधिकारी ने आगे बताया, 'ये सभी सैनिक जब से मिजोरम आए तभी से असम राइफल्स की निगरानी में हैं। इन सैनिकों को लेंगपुई हवाई अड्डे से म्यांमार ले जाने के लिए शनिवार और रविवार को आइजोल लाया गया था। इसमें 36 अधिकारी और 240 निचले स्तर के सैनिक हैं।'
अब तक कितने सैनिक भागकर भारत आए?
असम राइफल्स के अधिकारी ने बताया कि, बीते सप्ताह म्यांमार से आए 276 सैनिकों को मिलाकर अबतक 635 सैनिक भागकर मिजोरम आ चुके हैं। मिजोरम में भागकर आए सभी सैनिकों में से 359 सैनिकों को पहले ही उनके देश वापस भेजा जा चुका है। म्यांमार सेना के 104 जवानों को नवंबर में भारतीय वायु सेना के हेलीकॉप्टरों द्वारा मिजोरम के विभिन्न स्थानों से मणिपुर के सीमावर्ती शहर मोरेह भेजा गया और फिर उन्हें वहां से उनके देश भेज दिया गया। वहीं, इस महीने की शुरुआत में 255 सैनिकों को म्यांमार वायु सेना के विमानों द्वारा लेंगपुई हवाई अड्डे से वापस भेजा गया था।
(इनपुट: भाषा)
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