मिजोरम में 7 नवंबर को विधानसभा चुनाव होगा। मिजोरम की 40 विधानसभा सीटों पर सभी पार्टियों के उम्मीदवारों द्वारा दाखिल 174 नामांकन पत्रों में से 173 जांच के दौरान वैध पाए गए। 174 उम्मीदवारों में 16 महिलाएं हैं। अधिकारियों ने बताया कि विपक्षी दल जोरम पीपुल्स मूवमेंट (ZPM) के उम्मीदवार डॉ. लोरेन लालपेक्लियान चिनजाह के नामांकन पत्र में कुछ विसंगतियां पाए जाने के बाद उसकी फिर से जांच की जा रही है। चिनजाह ने लांगतलाई पूर्व निर्वाचन क्षेत्र से नामांकन दाखिल किया है। शनिवार को नामांकन पत्रों की जांच की गई। उम्मीदवारी वापस लेने की अंतिम तिथि 23 अक्टूबर है।
2018 के मुकाबले 38 उम्मीदवार कम
इस साल नामांकन पत्र दाखिल करने वाले उम्मीदवारों की संख्या 2018 के विधानसभा चुनावों की तुलना में 38 कम है। सत्तारूढ़ मिजो नेशनल फ्रंट (MNF), मुख्य विपक्षी दल जेडपीएम और कांग्रेस ने सभी 40 सीट पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं और उन सभी ने अपना नामांकन पत्र दाखिल कर दिया है। बीजेपी ने 23 सीट पर, जबकि आम आदमी पार्टी (आप) ने चार सीट पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं। इसके अलावा 27 उम्मीदवार निर्दलीय के रूप में चुनाव मैदान में हैं।
किस सीट से सबसे कम उम्मीदवार?
ज्यादातर राजनीतिक दलों की राज्य इकाई के अध्यक्ष- मुख्यमंत्री जोरमथांगा (MNF), लालसावता (कांग्रेस), लालदुहोमा (ZPM), वनलालहमुका (बीजेपी) इस चुनाव में हिस्सा ले रहे हैं। एमएनएफ सुप्रीमो जोरमथांगा आइजोल पूर्व-1 सीट से फिर से चुनाव लड़ रहे हैं। बीजेपी के राज्य प्रमुख वनलालहमुका डम्पा और कांग्रेस की मिजोरम इकाई के प्रमुख लालसावता आइजोल पश्चिम-3 निर्वाचन क्षेत्र से चुनावी मैदान में हैं। जेडपीएम अध्यक्ष लालदुहोमा सेरछिप सीट से फिर से चुनाव लड़ रहे हैं। मिजोरम के 11 जिलों में से सबसे ज्यादा 55 उम्मीदवार आइजोल जिले की 12 सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि सबसे कम तीन उम्मीदवार हनाथियाल जिले की एकमात्र सीट पर चुनावी मैदान में हैं।
नामांकन वापस लेने की आखिरी तारीख
नामांकन दाखिल करने की आखिरी 20 अक्टूबर तारीख थी, जबकि सोमवार को नामांकन वापस लेने की आखिरी तारीख है। पिछले विधानसभा चुनाव 2018 में 18 महिलाओं समेत कुल 209 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा था। पिछले चुनाव में 209 उम्मीदवारों में से 81 पुरुष उम्मीदवारों और 16 महिलाओं की जमानत जब्त हो गई थी।