आइजोल: मिजोरम की सियासत में विधानसभा चुनाव के पहले एक नया ट्विस्ट आ गया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, सूबे में विपक्षी दल जोराम पीपुल्स मूवमेंट (ZPM) ने हमार पीपुल्स कन्वेंशन (HPC) के साथ मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ने की घोषणा की है। पूर्वोत्तर राज्य के सकवरदाई गांव में मंगलवार को दोनों दलों के बीच एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। समझौते में कहा गया है कि HPC इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव में ZPM को पूरा समर्थन देगी और खुद कोई उम्मीदवार खड़ा नहीं करेगी।
HPC नहीं खड़ा करेगी कैंडिडेट, ZPM अकेले ठोकेगी ताल
समझौते के मुताबिक, HPC ने चुनावों में अपने कैंडिडेट नहीं उतारने का फैसला इसलिए किया है ताकि राज्य विधानसभा चुनावों में ZPM उम्मीदवारों की जीत सुनिश्चित की जा सके। इसमें कहा गया है कि दोनों दल अगले साल होने वाले सिनलुंग हिल्स काउंसिल (SHC) चुनाव भी एक साथ मिलकर लड़ेंगे। ZPM के उपाध्यक्ष केनेथ चावंगलियाना ने कहा कि HPC ने पहले भी कई दलों के साथ ऐसे समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं लेकिन किसी ने वादे पूरे नहीं किए। देखना यह है कि दोनों दलों के गठबंधन को सूबे की बाकी पार्टियां कैसे लेती हैं।
राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ EC की बैठक
इस बीच भारत निर्वाचन आयोग का 20 सदस्यीय दल मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार के नेतृत्व में मिजोरम में आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों की समीक्षा करने के लिए 3 दिन के दौरे पर मंगलवार को आइजोल पहुंच चुका है। बता दें कि इस प्रतिनिधिमंडल में कुमार के अलावा निर्वाचन आयुक्त अनूप चंद्र पांडेय और अरुण गोयल, वरिष्ठ उप निर्वाचन आयुक्त नीतेश व्यास, उप निर्वाचन आयुक्त हिरदेश कुमार और 12 अन्य अधिकारी हैं। आयोग के दल ने आइजोल पहुंचकर राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक कीं।
छत्तीसगढ़ का भी दौरा कर चुकी है चुनाव आयोग की टीम
बता दें कि निर्वाचन आयोग का दल राज्य की प्रमुख शख्सियतों, दिव्यांग मतदाताओं और युवाओं से बातचीत करेगा। मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, मिजोरम और राजस्थान में अक्टूबर तथा नवंबर में विधानसभा चुनाव हो सकते हैं। आयोग ने छत्तीसगढ़ में चुनावी तैयारियों का जायजा लेने के लिए पिछले सप्ताह राज्य का दौरा किया था। मिजोरम की विधानसभा का कार्यकाल इस साल 17 दिसंबर को समाप्त हो रहा है।