भारत के पड़ोसी देश म्यांमार में सेना और मिलिशियाओं के बीच बीते लंबे समय से जंग जारी है। इस कारण भारत से लगती सीमा से बड़ी संख्या में म्यांमार के नागरिक पूर्वोत्तर के राज्य मिजोरम में आते रहते हैं। एक बार फिर से खबर आई है कि रविवार को म्यांमार की सत्ता में काबिज जुंटा समर्थित सुरक्षा बलों के हमले के बाद करीब 2000 लोग भागकर भारत में शरण लेने आ गए हैं।
क्या है पूरा मामला?
पीटीआई के मुताबिक, एक अधिकारी ने बताया कि म्यांमार में सत्तारूढ़ जुंटा समर्थित सुरक्षा बलों और मिलिशिया समूह ‘पीपुल्स डिफेंस फोर्स’ (पीडीएफ) के बीच रविवार शाम को चिन राज्य भीषण गोलीबारी हुई। म्यांमार के चिन राज्य की सीमा मिजोरम के चम्फाई जिले से लगती है। इस कारण पड़ोसी गांवों के 2,000 से अधिक लोग गोलीबारी के कारण भारत आ गए और चम्फाई जिले के जोखावथर में शरण ली।
इस कारण हुआ हमला
म्यांमार की मिलिशिया समूह पीपुल्स डिफेंस फोर्स ने भारतीय सीमा के पास खावमावी और रिहखावदार में दो सैन्य ठिकानों पर हमला कर के कब्जा कर लिया था। इसके बाद म्यांमार की सेना ने भी तुरंत जवाबी कार्रवाई की और सोमवार को खावमावी और रिहखावदार गांवों पर हवाई हमले किए। इस हमले से घबराए लोगों भागकर भारतीय क्षेत्र में शरण ले ली। गोलीबारी में घायल हुए कम से कम 17 लोगों को इलाज के लिए चम्फाई लाया गया है।
जोखावथर में 6000 शरणार्थी
अधिकारी ने बताया है कि सीमा पार से हो रही गोलीबारी में म्यांमार के एक शख्स की मौत हो गई जो पहले से ही भारत के जोखावथर में रह रहा था। जोखावथर ग्राम परिषद के अध्यक्ष लालमुआनपुइया के अनुसार, चिन नेशनल आर्मी के भी 5 सैनिक इस गोलीबारी में मारे गए हैं। उन्होंने कहा है कि जोखावथर में पहले से ही म्यांमार के 6000 से अधिक लोग रह रहे हैं।
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