आईजोल: मिजोरम कोहरान ह्रुएटुटे कमेटी (MKHC) और चर्च संगठन के कई नेता गुरुवार को एक बार फिर से राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी मधुप व्यास के पास पहुंचे। यहां उन्होंने चुनाव की मतगणना का दिन बदलने की मांग की। इन लोगों ने अपनी मांग को सामने रखते हुए कहा कि मतगणना की तारीख को तीन दिसंबर की बजाय चार या पांच दिसंबर को कर दिया जाए। एमकेएचसी नेताओं के साथ राजनीतिक दलों, नागरिक संगठनों, छात्र संगठनों और मोजोरम पीपुल्स फोरम के प्रतिनिधि भी इस दौरान वहां पर मौजूद थे। इसके साथ ही राजनीतिक दलों और अन्य संस्थाओं ने अलग से अपनी मांगों को मुख्य निर्वाचन अधिकारी के सामने रखा है।
ईसाई धर्म के लिए पवित्र दिन है रविवार
यह तीसरी बार है जब एमकेएचसी के नेताओं ने चुनाव आयोग से मतगणना की तारीख को बदलने की अपील की है। बता दें कि मतगणना की तारीख रविवार को पड़ रही है जो कि क्रिश्चियन समुदाय के लिए बेहद खास दिन माना जाता है। वहीं एमकेएचसी के संयुक्त सचिव लालनीलवमा कवल्नी ने बताया कि अधिकारी व्यास ने उनसे कहा है कि उन्होंने इन मांग पत्रों को आगे चुनाव आयोग के लिए भेज दिया है। बता दें कि मिज़ोरम की कुल आबादी में ईसाई धर्म के लोगों की संख्या सर्वाधिक है। मिजोरम में करीब 87 प्रतिशत लोग ईसाई धर्म के हैं। वहीं रविवार को मतगणना के दिन ईसाई धर्म के लिए पवित्र दिन है। इस दिन लोगों को पूजा करनी होती है। ऐसे में सभी लोगों की ओर से चुनाव की तारीखे बदलने की मांग की जा रही है।
पांचों राज्यों में एक साथ होनी है मतगणना
बता दें कि चुनाव आयोग ने पांच राज्यों- मिजोरम, मध्य प्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना और छत्तीसगढ़ के लिए चुनाव कार्यक्रम की घोषणा की थी। 40 सदस्यीय मिजोरम विधानसभा के लिए मतदान 7 नवंबर को एक ही चरण में होगा, जबकि सभी पांच राज्यों के लिए वोटों की गिनती 3 दिसंबर को होगी। इससे पहले राजस्थान विधानसभा चुनाव की तारीखों में बदलाव की मांग भी की गई है। वहीं अब मिजोरम से भी इस तरह की मांग उठ रही है। फिलहाल सभी पांच राज्यों में मतगणना एक ही साथ होनी है। ऐसे में देखने वाली बात होगी कि मिजोरम के लोगों की मांग को चुनाव आयोग मानता है या फिर सभी राज्यों की मतगणना एक ही साथ की जाएगी।
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