देश के उत्तर-पूर्वी राज्य मिजोरम तक रेलवे लाइन पहुंचाने का सपना कई चुनौतियों का सामना कर रहा है। मिजोरम के लिए बैराबी से सैरंग के बीच बन रहा रेलवे ब्रिज बेहद अहम है, लेकिन इसे चोरों की नजर लग गई है। राज्य के इस बहुमहत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट के लिए आया सामान अब चोरी हो रहा है। चोरों ने पुल निर्माण में इस्तेमाल होने वाली स्टील की प्लेट से लेकर बोल्ट और हल्की मशीनों तक कुछ नहीं छोड़ा है। ऐसे में पुलिस ने चोरी के सामान की बिक्री को लेकर सतर्कता बरतना शुरू कर दिया है। ताकि चोरों को पकड़ा जा सके।
इस मामले में कई लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें कुछ मजदूर भी शामिल हैं, जो पुल बनाने के काम में शामिल थे, लेकिन अन्य लोगों के साथ मिलकर चोरी करते थे।
पुल बनने से पहले 28 बार चोरी
परियोजना के शुरू होने के बाद से अब तक चोरी की 28 घटनाएं दर्ज की गई हैं। पहली घटना 22 मार्च, 2018 को कांवपुई पुलिस स्टेशन में दर्ज की गई थी और सबसे ताजा मामला 9 मार्च, 2024 को बैराबी पुलिस स्टेशन में दर्ज हुआ। इन घटनाओं में से 26 में स्टील शटरिंग, हेवी-ड्यूटी एमएस पाइप, ड्रेन स्लैब, ब्रिज स्टील गेट, स्टील प्लेट, कॉपर केबल, चैनल और हुक बोल्ट जैसी आवश्यक निर्माण सामग्री की चोरी शामिल थी। इसके अलावा, मोटर से चलने वाली छोटी-मोटी मशीनरी की भी चोरी हुई है।
62 लोग गिरफ्तार
मिजोरम पुलिस ने इन चोरियों के सिलसिले में 62 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें 14 लोग विभिन्न समुदायों से हैं। गिरफ्तार किए गए लोगों में से कुछ मजदूर भी थे। मिजोरम पुलिस ने निर्माण स्थलों और आस-पास के इलाकों में गश्त और गहन निरीक्षण बढ़ा दिया है। चोरी की सामग्री की बिक्री को रोकने के लिए अधिकारी दुकानदारों और कबाड़ विक्रेताओं पर कड़ी निगरानी रख रहे हैं। अब तक 19 मामलों में चोरी की गई सामग्री बरामद की गई है। रेलवे अधिकारी लगातार मुख्यमंत्री से संपर्क में हैं, जिन्होंने कड़ी सुरक्षा और पुलिस के साथ सहयोग के महत्व पर जोर दिया है।