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मिजोरम के शिक्षा मंत्री ने कहा, सूबे के स्कूलों में पढ़ रहे हैं शरणार्थियों के 8 हजार से ज्यादा बच्चे

मिजोरम के शिक्षा मंत्री ने कहा है कि उनका राज्य विभिन्न जगहों से आए शरणार्थियों के 8 हजार से ज्यादा बच्चों के अपने राज्य के छात्रों की तरह ही शिक्षा व्यवस्था प्रदान कर रहा है।

Edited By: Vineet Kumar Singh @JournoVineet
Published on: August 09, 2023 22:09 IST
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Image Source : ALL INDIA RADIO मिजोरम के शिक्षा मंत्री लालचंदामा राल्ते।

आइजोल: मिजोरम के स्कूल शिक्षा मंत्री ने कहा है कि विभिन्न जगहों से मिजोरम में शरण लिए हुए हजारों लोगों के बच्चे राज्य के स्कूलों में पढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि म्यांमार और बांग्लादेश के शरणार्थियों और हिंसाग्रस्त मणिपुर के आंतरिक रूप से विस्थापित लोगों (IDP) के 8 हजार से अधिक बच्चे मिजोरम के स्कूलों में शिक्षा ले रहे हैं। मिजोरम के स्कूल शिक्षा मंत्री लालचंदामा राल्ते ने यह जानकारी देते हुए बताया कि इन अध्ययनरत 8,119 बच्चों में से 6,366 छात्र म्यांमाj से, 250 बांग्लादेश से और 1,503 छात्र मणिपुर से हैं।

‘44 बच्चों ने करवाया था 10वीं के लिए रजिस्ट्रेशन’

राल्ते ने बताया कि इन छात्रों को स्थानीय विद्यार्थियों की तरह ही स्कूल की मुफ्त यूनिफॉर्म, किताबें और मिड-डे मील दिया जा रहा है। उन्होंने जोर देकर कहा कि मिजोरम सरकार जो जनजातियों के बच्चों को शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। शिक्षा मंत्री ने मंगलवार को कहा, ‘मिजोरम सरकार दुनिया भर की जो जनजातियों को एक ही मानती है। हमारा यह सिद्धांत शिक्षा क्षेत्र में भी नजर आता है। सरकार जरूरतमंदों को न केवल आश्रय प्रदान करती है, बल्कि शिक्षा भी मुहैया कराती है।’ उन्होंने कहा कि 44 शरणार्थी बच्चों ने 2022 में दसवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाओं के लिए रजिस्ट्रेशन कराया था।

मिजोरम में रह रहे हैं कई जगहों से आए शरणार्थी
राल्ते ने कहा, ‘इनमें से 31 छात्रों ने परीक्षा दी तथा 28 छात्रों ने 90.32 प्रतिशत अंकों के साथ परीक्षा पास की।’ बता दें कि म्यांमार और बांग्लादेश से कुकी-चिन समुदाय के हजारों शरणार्थियों ने मिजोरम में शरण ली है। म्यांमार में फरवरी 2021 में तख्ता पलट होने के बाद वहां के चिन राज्य एवं अन्य इलाकों से बड़ी संख्या में लोग मिजोरम आ गए थे। बांग्लादेश में पिछले साल एक जातीय उग्रवादी समूह के खिलाफ सैन्य अभियान के बाद चटगांव हिल ट्रैक्ट (CHT) से कई लोग मिजोरम पहुंचे। मेइती समुदाय के साथ मई में संघर्ष होने तथा जातीय हिंसा भड़कने के बाद मणिपुर से आंतरिक रूप से विस्थापित कुकी समुदाय के कई लोगों ने भी मिजोरम में ही शरण ली है। (भाषा)

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