आइजोल: मिजोरम के मुख्यमंत्री लालदुहोमा ने शनिवार को कहा कि उनकी सरकार को केंद्र को भारत-म्यांमार सीमा पर बाड़ लगाने से रोकने तथा मुक्त आवाजाही व्यवस्था (FMR) को निरस्त करने से रोकने का अधिकार नहीं है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि वह इसके खिलाफ हैं। बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुवाहाटी में एक कार्यक्रम में कहा था कि केंद्र भारत-म्यांमार सीमा पर लोगों की स्वतंत्र आवाजाही बंद करेगा और वहां पूरी तरह बाड़ लगा देगा ताकि बांग्लादेश से सटी सीमा की तरह इसकी भी रक्षा की जा सके।
सीएम ने की प्रेस कॉन्फ्रेंस
बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के द्वारा बॉर्डर पर बाड़ लगाने की घोषणा के कुछ घंटे बाद ही लालदुहोमा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इसमें उन्होंने कहा कि मिजोरम में म्यांमार के साथ सीमा पूर्ववर्ती ब्रिटिश शासन द्वारा थोपी गयी थी तथा सीमा के दोनों तरफ रह रहे मिजो लोग उसे स्वीकार नहीं करते हैं। उन्होंने कहा कि ‘‘यदि केंद्र भारत-म्यांमार सीमा पर बाड़ लगाने एवं एफएमआर को निरस्त करने की अपनी योजना पर आगे बढ़ता है तो हमारे पास (उसे रोकने का) कोई अधिकार नहीं है और हम उसे रोक नहीं सकते हैं।’’
चिन समुदाय के लोगों का है जातीय नाता
लालदुहोमा ने कहा कि उनकी सरकार और राज्य के विभिन्न संगठन सीमा पर बाड़बंदी एवं एफएमआर के निरसन के विरुद्ध हैं। क्योंकि मिजो का म्यांमार के चिन समुदाय के लोगों के साथ जातीय नाता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि दुनिया के विभिन्न हिस्सों में रह रहे मिजो ‘एकजुट होने का सपना देखते हैं और इस वर्तमान सीमा पर बाड़बंदी का कदम ब्रिटिश द्वारा ‘‘थोपी गयी’’ सीमा को मंजूरी देने के बराबर होगा। उन्होंने कहा कि हाल की अपनी दिल्ली यात्रा के दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं गृह मंत्री अमित शाह के साथ इस मुद्दे पर चर्चा की थी और उन दोनों ने इस संबंध में उनकी अपील का विरोध नहीं किया।
(इनपुट- भाषा)
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