मिजोरम के मुख्यमंत्री लालदुहोमा ने शुक्रवार को कहा कि हाल ही में सौंपी गई एक जांच रिपोर्ट के अनुसार मिजोरम लोक सेवा आयोग (एमपीएससी) द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षाओं में कोई अनियमितता नहीं पाई गई। उन्होंने कहा कि राज्य के पूर्व मुख्य सचिव एम लालमंजुआला द्वारा की गई जांच की रिपोर्ट में यह निष्कर्ष निकला कि सिविल सेवा परीक्षाओं में “कोई अनियमितताएं नहीं” थी और “कोई अंक नहीं बदले गए” जैसा कि एक छात्र संगठन ने आरोप लगाया था।
लालदुहोमा ने कहा कि जांच अधिकारी ने पिछले साल एमपीएससी द्वारा सिविल सेवा परीक्षाओं के संचालन में कथित अनियमितताओं का गहन अध्ययन और गहन जांच की। लालदुहोमा ने संवाददाताओं को बताया, “जांच अधिकारी ने पिछले सप्ताह अपनी विस्तृत रिपोर्ट सौंपी। जांच में पाया गया कि प्रतियोगी परीक्षाओं के संचालन में कोई अनियमितता नहीं हुई। यह भी पाया गया कि उम्मीदवारों द्वारा प्राप्त अंकों में कोई बदलाव नहीं किया गया।”
एमजेडपी ने लगाए थे अनियमितता के आरोप
मुख्यमंत्री लालदुहोमा ने कहा, जांच में पाया गया कि उत्तर पुस्तिकाओं पर दर्शाए गए और बाद में एक खास तरह के रसायन का उपयोग करके मिटाए गए अंक बिल्कुल सारणीबद्ध कॉपियों पर दिए गए अंकों के समान थे। मिजोरम के शीर्ष छात्र संगठन मिजो जिरलाई पावल (एमजेडपी) ने अनियमितताओं के आरोप लगाए थे। एमजेडपी ने कहा कि उसे जांच के निष्कर्षों पर विश्वास नहीं है और वह जांच रिपोर्ट की एक प्रति प्राप्त होने पर भविष्य की कार्रवाई तय करेगा।
एमजेडपी के अध्यक्ष एच.लालथियानघलीमा ने कहा कि संगठन ने सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत रिपोर्ट की एक प्रति मांगी है, साथ ही इस बात पर संदेह जताया है कि क्या जांच अधिकारी जांच के दौरान निष्पक्ष थे।
(इनपुट- भाषा)
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