Mizoram Assembly Elections: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के मिजोरम दौरे ने कांग्रेस में एक बार फिर जान फूंक दी है। ऐसा मानना है कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं मिजोरम के पूर्व मुख्यमंत्री ललथनहवला का। उन्होंने बृहस्पतिवार को कहा कि राज्य में पार्टी फिर से मजबूत हो गई है। कांग्रेस राज्य में सुशासन प्रदान करने के साथ ही धार्मिक स्वतंत्रता सुनिश्चित करेगी।
धार्मिक अल्पसंख्यकों पर अत्याचार
दूसरी ओर, मिजोरम प्रदेश कांग्रेस कमेटी (एमपीसीसी) के प्रमुख ललथनहवला ने कहा कि पार्टी नेता राहुल गांधी के हाल के राज्य दौरे से पार्टी मजबूत हुई है और इसे प्रोत्साहन मिला है। मध्य मिजोरम के सेरछिप शहर में जिला पार्टी के एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए ललथनहवला ने आरोप लगाया कि बीजेपी शासन के तहत देश के विभिन्न हिस्सों में ईसाइयों और अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों पर अत्याचार किया जा रहा है। उन्होंने दावा किया कि ईसाई हालांकि, कांग्रेस शासित राज्यों में स्वतंत्र रूप से ईसाई धर्म सिद्धांत का प्रचार कर सकते हैं।
विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ बीजेपी को सत्ता से बाहर करेगा
पांच बार के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘कांग्रेस मिजोरम में फिर से मजबूत हो रही है और राज्य में सुशासन प्रदान करने के साथ ही धार्मिक स्वतंत्रता बहाल करेगी।’’ उन्होंने कहा कि देश भर में धार्मिक स्वतंत्रता बहाल करने के लिए कांग्रेस को केंद्र में सत्ता में लौटना होगा। पिछले साल दिसंबर में सक्रिय राजनीति से संन्यास लेने वाले ललथनहवला ने कहा कि विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ अगले साल लोकसभा चुनाव के बाद बीजेपी की अगुवाई वाली एनडीए को सत्ता से बाहर कर देगा। उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा शासन के तहत धार्मिक अल्पसंख्यकों को दबाने की एक मजबूत प्रवृत्ति है, जो कांग्रेस जैसी धर्मनिरपेक्ष पार्टी पर आक्रामक रूप से हमला करती है।’’
जनता से किया ये आह्वान
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने मिज़ो लोगों से मिज़ो समुदाय और उसके धर्म की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए किस पार्टी का समर्थन करना है, इस पर सोच-समझकर निर्णय लेने का आह्वान भी किया। वर्ष 1987-1993 और 2003-2013 के बीच छह बार सेरछिप सीट से जीतने वाले ललथनहवला ने राज्य में सत्तारूढ़ मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) पर भी कटाक्ष किया। उन्होंने कहा कि 2018 में सत्ता में आने के बाद सत्तारूढ़ पार्टी की पहली प्राथमिकता राज्य की पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार द्वारा स्थापित महत्वपूर्ण ढांचागत परियोजनाओं के केवल नाम बदलना थी।
सीएम जोरमथांगा पर भी साधा निशाना
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जोरमथांगा के नेतृत्व वाली एमएनएफ सरकार अपने प्रमुख कार्यक्रम सामाजिक-आर्थिक विकास (एसईडीपी) को चार साल तक लागू नहीं कर सकी और अपने कार्यकाल के अंतिम वर्ष में नीति के तहत आंशिक रूप से मौद्रिक सहायता वितरित की। कांग्रेस नेता ने विपक्षी ज़ोरम पीपुल्स मूवमेंट (जेडपीएम) द्वारा समर्थित "नयी राजनीतिक व्यवस्था" पर भी सवाल उठाया। इस बीच, एमपीसीसी प्रमुख लालसावता ने अपना नामांकन दाखिल करने के बाद कहा कि राहुल गांधी के हालिया दौरे से राज्य में पार्टी मजबूत हुई है। पत्रकारों से प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि मिजोरम के लोगों ने गांधी का तहे दिल से स्वागत किया है।
मिजोरम में 7 नवंबर को होगी वोटिंग
लालसावता ने कहा, ‘‘मिज़ो लोग राहुल गांधी का बहुत सम्मान करते हैं। उनके दौरे ने पार्टी को मजबूत किया है और हमें प्रोत्साहित किया है।’’ गांधी ने 16-17 अक्टूबर को मिजोरम का दौरा किया था। इस दौरान उन्होंने आइजोल में पदयात्रा की और लुंगलेई में एक रैली को संबोधित किया। राज्य के पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि उनकी पार्टी एक अच्छी सरकार बनाने के लिए बड़े पैमाने पर प्रयास कर रही है। उन्होंने विश्वास जताया कि वह आइजोल पश्चिम-तीन सीट से आगामी विधानसभा चुनाव जीतेंगे। मरियम एल ह्रांगचल को मैदान में उतारने पर, जिनकी उम्मीदवारी का एक छात्र संगठन ने इसलिए विरोध किया है क्योंकि उन्होंने मिज़ो समुदाय से बाहर विवाह किया था, लालसावता ने कहा कि कांग्रेस ने उन्हें लुंगलेई दक्षिण सीट से मैदान में उतारा है क्योंकि वह न केवल पार्टी के लिए बल्कि राज्य के लिए भी बेहद उपयोगी हैं। चालीस सदस्यीय मिजोरम विधानसभा के लिए चुनाव 7 नवंबर को एक ही चरण में होंगे और वोटों की गिनती 3 दिसंबर को होगी। मिज़ो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) के अध्यक्ष ज़ोरमथांगा नामांकन पत्र दाखिल करने के आखिरी दिन शुक्रवार को अपना नामांकन दाखिल करेंगे। (इनपुट-भाषा)