आइजोलः मिजोरम के उत्पाद शुल्क और नारकोटिक्स मंत्री लालनघिंगलोवा हमार (Lalnghinglova Hmar) ने मंगलवार को कहा कि पड़ोसी मणिपुर में जातीय हिंसा के कारण राज्य में नशीली दवाओं की तस्करी बढ़ गई है। बजट सत्र में एक प्रश्न का उत्तर देते हुए हमार ने कहा कि अन्य देशों से मिजोरम के रास्ते मणिपुर और त्रिपुरा में दवाओं की तस्करी की जा रही है।
मणिपुर को ठहराया जिम्मेदार
मंत्री लालनघिंगलोवा ने मंगलवार को राज्य के भीतर नशीली दवाओं की तस्करी में चिंताजनक वृद्धि का खुलासा किया। इसके लिए उन्होंने पड़ोसी राज्य मणिपुर में चल रही जातीय हिंसा को जिम्मेदार ठहराया। मंत्री ने स्थिति की गंभीरता को रेखांकित करते हुए इस मुद्दे को प्रभावी ढंग से हल करने के लिए सरकार, गैर सरकारी संगठनों, चर्चों और जनता की सामूहिक भागीदारी पर जोर दिया।
मंत्री ने जताई ये चिंता
नशीली दवाओं की तस्करी और दुरुपयोग से निपटने के ठोस प्रयासों के बावजूद, राज्य सरकार, चर्चों और नागरिक समाज संगठनों द्वारा व्यापक अभियानों के बाद स्थानीय स्तर पर नशीली दवाओं की तस्करी से होने वाली चुनौती को मंत्री स्वीकार किया।
राज्य में इस साल इतना ड्रग्स बरामद
उन्होंने बताया कि इस साल की शुरुआत से मिजोरम उत्पाद शुल्क और नारकोटिक्स विभाग ने 15 किलोग्राम हेरोइन, 96.5 किलोग्राम मेथमफेटामाइन टैबलेट और 238.6 किलोग्राम गांजा सहित महत्वपूर्ण मात्रा में ड्रग्स जब्त किया है। इसके अतिरिक्त, नशीली दवाओं से संबंधित मामलों में कुल 1,211 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने कहा कि दुखद बात यह है कि वर्ष की शुरुआत से अब तक नशीली दवाओं के दुरुपयोग से एक महिला सहित दस लोगों की जान चली गई।
मणिपुर में हालात चिंताजनक
बता दें कि मणिपुर में 3 मई, 2023 से मेइतेई समुदाय की अनुसूचित जनजाति (एसटी) दर्जे की मांग का विरोध करने वाले 'आदिवासी एकजुटता मार्च' से उपजी हिंसा ने क्षेत्र की अस्थिरता को और बढ़ा दिया है।