मणिपुर में पिछले कई महीनों से मैतेई और कूकी समुदायों में टकराव जारी है। इस बीच, दो महिलाओं को नग्न घुमाने और उसके साथ गैंग रेप की घटना सामने आने के बाद देश भर में आक्रोश का माहौल है। मणिपुर की घटना का असर पड़ोसी राज्य मिजोरम पर भी पड़ा है। दरअसल, मिजोरम में बसे मैतेई समुदाय के लोगों को धमकी मिलने के बाद वे डर गए हैं और राज्य से पलायन शुरू कर दिया है। हालात के मद्देनजर मणिपुर की सरकार ने भी लोगों को विमान से लाने की पेशकश की है।
मिजोरम के पूर्व उग्रवादी संगठन की धमकी
दरअसल, मिजोरम में रहने वाले मिजो लोगों के मणिपुर के कुकी और जोमी जनजाति के लोगों के साथ गहरे जातीय संबंध हैं। मणिपुर में जो महिलाएं हैवानियत की शिकार हुई हैं वह कुकी और जोमी जनजाति की ही थीं। ऐसे मिजोरम में पूर्व उग्रवादी संगठन मिजो नेशनल फ्रंट के सहयोगी संगठन पीस अकॉर्ड एमएनएफ रिटर्नीज एसोसिएशन (PAMRA) ने शुक्रवार कहा कि मिजोरम में रह रहे मैतेई समुदाय के लोग अपनी सुरक्षा के लिए राज्य छोड़ दें। बयान में कहा गया कि मणिपुर की घटना से मिजो लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं, ऐसे में मिजोरम अब मैतेई लोगों के लिए सुरक्षित नहीं रह गया है।
मिजोरम में रहने वाले मैतेई लोगों में डर
बता दें कि मिजोरम में करीब दो हजार मैतेई समुदाय के लोग रहते हैं। ये अधिकतर राजधानी आइजवाल और इसके आस-पास के इलाकों में रहते हैं। संगठन के बयान के बाद मिजोरम में रहने वाले मैतेई समुदाय में डर फैल गया है और लोगों ने पलायन शुरू कर दिया है। हालांकि, मिजोरम की सरकार ने लोगों को आश्वासन दिलाया है कि उन्हें मिजोरम में कोई खतरा नहीं है और मैतेई बहुल कई जगहों पर पुलिस की तैनाती भी की गई है, बावजूद लोग मिजोरम से पलायन कर रहे हैं।