महिंद्रा और महिंद्रा फाइनेंसिअल सर्विस के उत्तर पूर्वी विभाग की अइजवाल शाखा में हुए घोटाले से बैंक को चौथी तिमाही में 135.86 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। 31 मार्च 2024 को खत्म हुए वित्तीय वर्ष में बैंक को भारी नुकसान झेलना पड़ा है। हालांकि, बैंक को उम्मीद है कि कानूनी कार्रवाई पूरी होने के बाद इसमें से अधिकतर राशि वसूली जा सकेगी।
महिंद्रा और महिंद्रा फाइनेंस ने 23 अप्रैल को एक घोटाले का पर्दाफाश किया था। कंपनी के ही एक सीनियर अधिकारी ने वाहन लोन के नाम पर कई फर्जी अकाउंट बनाए थे और उनके जरिए घोटाला कर रहा था।
कैसे किया घोटाला?
अनिल शुक्ला ने बताया कि आरोपी ने महिंद्रा और महिंद्रा फाइनेंसिअल सर्विसेज लिमिटेड नाम से एक अकाउंट खोला। इसी अकाउंट के जरिए अधिकतर वाहन लोन बांटे गए हैं। पूरा घोटाला चार साल में हुआ। पुलिस ने पिछले महीने जांच शुरू की, जब आईपीसी की धारा 408, 467, 468 और 34 के तहत एक केस दर्ज किया गया। यह केस MMFSL के सर्किल हेड अंकित बनर्जी की शिकायत पर दर्ज किया गया था। शिकायत में वाहन लोन बांटने के नाम घोटाले की बात कही गई थी। जांच में पता चला की आरोपी ने 2020 में फर्जी अकाउंट खोला था। इसी के जरिए पूरा घोटाला किया गया। पुलिस ने 29 मार्च को आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद खुलासा हुआ कि आरोपी अकाउंट में समय-समय पर लेने देन करते थे ताकि किसी को शक न हो। हालांकि, ऑडिट के समय मुख्य आरोपी इन फाइलों को गायब कर देता था।
कई बैंक अकाउंट सीज
पुलिस ने 26 बैंक अकाउंट सीज किए हैं, जिनमें 2.5 करोड़ रुपये जमा हैं। इसके अलावा तीन करोड़ कीमत वाली 15 कार भी जब्त की गई हैं। आरोपियों के पास से तीन लैपटॉप, 10 मोबाइल फोन, 549 फर्जी अकाउंट फाइल, 25 फर्जी सील और 30 सिम कार्ड बरामद हुए हैं।
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