मिजोरम में एक बुजुर्ग शख्स और उससे बेटे को 10 साल की सुनाई गई है। चम्फाई जिले की एक अदालत ने ड्रग्स तस्करी के मामले में बुजुर्ग शख्स और उसके बेटे को दोषी पाया। फैसला सुनाते हुए अदालत ने 78 वर्षीय लालबीसिया और उसके बेटे 40 वर्षीय लालनंटलुआंगा को 10 साल की सजा मुकर्रर की। पिछले साल जुलाई में 271 ग्राम हेरोइन बरामद होने के बाद बाप-बेटे को गिरफ्तार किया गया था।
बरामद ड्रग्स की कितनी थी कीमत?
बरामद ड्रग्स की अनुमानित कीमत 1.35 करोड़ रुपये थी। विशेष अदालत के न्यायाधीश लियांगसांगजुआला ने दोनों को स्वापक औषधि एवं मन प्रभावी (NDPS) अधिनियम के तहत दोषी ठहराया और उन्हें 10 साल जेल की सजा सुनाई। अदालत ने दोनों पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है और उसका भुगतान नहीं करने पर छह और महीने की जेल की सजा काटनी पड़ेगी।
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म्यांमा से भागकर 45 जवान मिजोरम पहुंचे
वहीं, म्यामां के चिन राज्य में मिलिशिया समूह 'पीपुल्स डिफेंस फोर्स' द्वारा एक सैन्य शिविर पर कब्जा करने के बाद दो और जवान भागकर मिजोरम पहुंचे। पुलिस अधिकारी ने बताया कि अब तक म्यामां के कुल 45 जवान भागकर मिजोरम आ चुके हैं। अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि केंद्र के निर्देश के अनुसार जवानों को असम राइफल्स को सौंप दिया गया और उन सभी को भारतीय रक्षा अधिकारियों ने हवाई मार्ग से सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया है।
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उन्होंने कहा कि सबसे पहले म्यामां के 39 जवान मिजोरम में दाखिल हुए और सोमवार शाम को पूर्वी मिजोरम के चम्फाई जिले के सीमावर्ती गांव जोखावथर के निकटतम पुलिस थाने में पहुंचे। उन्होंने बताया कि तीन और जवान मंगलवार दोपहर और दो अन्य शाम के वक्त म्यामां से भागकर जोखावथर पुलिस थाने पहुंचे। अधिकारी ने बताया कि 39 जवानों को असम राइफल्स ने मंगलवार को एयरलिफ्ट कर सुरक्षित स्थान पहुंचाया और बाकी अन्य छह जवानों को भी बुधवार को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया।
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