मिजोरम में हुए विधानसभा चुनाव के नतीजे 3 दिसंबर को आएंगे। चुनाव की मतगणना की तारीख को बदलने की मांग उठाई गई थी। कांग्रेस, बीजेपी के अलावा सत्ताधारी मिजो नेशनल फ्रंट ने भी चुनाव की तारीख बदलने की मांग की थी। मिजोरम प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने मतगणना की तारीख कई अपील के बावजूद नहीं बदलने को लेकर सोमवार को निर्वाचन आयोग की आलोचना की। उसने कहा कि यह मिजो भावनाओं का सम्मान नहीं करती है।
लोगों की भावनाओं का अनादर करने का आरोप
प्रदेश कांग्रेस ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि उसने और अन्य राजनीतिक दलों ने 3 दिसबंर को होने वाली मतगणना की तारीख में बदलाव करने के लिए कई अपील की है, क्योंकि यह रविवार का दिन है, जो मिजोरम में ईसाई समुदाय के लिए एक पवित्र दिन है। विज्ञप्ति में इस मुद्दे पर निर्वाचन आयोग पर चुप्पी साधने और मिजो लोगों की भावनाओं का अनादर करने का आरोप लगाया गया है। इसमें कहा गया है कि कांग्रेस को लगता है कि मिजोरम में अन्याय हो रहा है, क्योंकि आयोग ने हिंदुओं के एक त्योहार के कारण राजस्थान में मतदान की तारीख बदल दी, जबकि इसने पूर्वोत्तर के राज्य में किए गए इसी तरह के अनुरोध को स्वीकार करने से इनकार कर दिया।
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"मिजो लोगों की भावनाएं आहत होने की परवाह नहीं"
कांग्रेस ने आरोप लगाया, "निर्वाचन आयोग को मिजो लोगों की भावनाएं आहत होने की परवाह नहीं है। यह जानबूझ कर उनकी भावनाओं को ठेस पहुंचाने की कोशिश कर रहा है।" पिछले हफ्ते मुख्य निर्वाचन अधिकारी मधुप व्यास ने कहा था कि आयोग मिजोरम में मतगणना की तारीख में बदलाव नहीं करेगा। वर्ष 2011 की जनगणना के मुताबिक, मिजोरम की आबादी में करीब 87 प्रतिशत ईसाई समुदाय के लोग हैं। इस बीच, नागरिक संस्थाओं, छात्र संगठनों के समूह और मिजोरम एनजीओ समन्वय समिति ने मतगणना की तारीख में बदलाव नहीं किए जाने पर व्यापक विरोध प्रदर्शन करने की धमकी दी है। मिजोरम की 40 सदस्यीय विधानसभा के लिए 7 नवंबर को मतदान हुआ था।
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