मिजोरम के मुख्यमंत्री और सत्तारूढ़ मिजो नेशनल फ्रंट (MNF) के अध्यक्ष जोरमथांगा ने शनिवार को कहा कि बीजेपी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) को पार्टी का समर्थन केवल मुद्दों पर आधारित है। एमएनएफ, राजग के सबसे पुराने सहयोगियों में से एक है और अब तक बीजेपी के नेतृत्व वाले गठबंधन से बाहर नहीं निकला है, लेकिन उसने लोकसभा में विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' की ओर से लाए गए अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन किया और मणिपुर संकट से गलत तरीके से निपटने के लिए केंद्र और राज्य सरकार दोनों की आलोचना की।
"मणिपुर मुद्दे से निपटने के केंद्र के तरीके से असंतुष्ट"
जोरमथांगा ने आइजोल में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि मिजोरम से एमएनएफ के एकमात्र लोकसभा सदस्य सी. लालरोसांगा ने विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन किया, क्योंकि पार्टी मणिपुर मुद्दे से निपटने के केंद्र के तरीके से असंतुष्ट है। उन्होंने स्पष्ट किया, "हमने एनडीए का समर्थन किया, क्योंकि हम कांग्रेस के नेतृत्व वाले गठबंधन का हिस्सा नहीं बन सकते। हालांकि, एनडीए को हमारा समर्थन केवल मुद्दा आधारित है और यदि यह समग्र रूप से मिजो लोगों के हितों के खिलाफ होगा, तो हम गठबंधन का विरोध करेंगे।"
"UCC पर विधेयक पेश किया जाता है, तो विरोध करेंगे"
यह कहते हुए कि एमएनएफ ने शुरू में नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (CAA) का विरोध किया था, लेकिन बाद में मिजोरम को इसके दायरे से छूट दिए जाने के बाद इसका समर्थन किया। मिजोरम के मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि यदि समान नागरिक संहिता (UCC) पर विधेयक पेश किया जाता है तो संसद के दोनों सदनों में पार्टी के सांसद इसका विरोध करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि एमएनएफ सरकार ने म्यांमार के शरणार्थियों को उनके देश भेजने के केंद्र के आदेश की अवहेलना की और उन्हें राज्य में शरण लेने की अनुमति दी। बता दें कि फरवरी 2021 से म्यांमार की सेना द्वारा तख्तापलट के बाद वहां का शासन अपने हाथ में लेने के बाद से बच्चों और महिलाओं सहित लगभग 35,000 म्यांमार नागरिकों ने मिजोरम में शरण ली है।
उन्होंने कहा कि मिजोरम सरकार ने म्यांमार के शरणार्थियों को राहत देने के लिए मानवीय सहायता के रूप में केंद्र से 10 करोड़ रुपये की मांग की थी, लेकिन केंद्र सरकार ने केवल तीन करोड़ रुपये ही मंजूर किए। जोरमथांगा ने कहा, "एमएनएफ जैसा कोई अन्य राजनीतिक दल नहीं है, जो पीएम मोदी के खिलाफ जाने की हिम्मत करता हो।" हालांकि, जोरमथांगा ने हाल ही में कहा था कि उनकी पार्टी ने अभी तक बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए से बाहर निकलने पर फैसला नहीं किया है।