भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) डी वाई चंद्रचूड़ ने शनिवार को आइजोल में कहा कि भारतीय संस्थानों ने बातचीत, सहिष्णुता और साझा मूल्यों के माध्यम से समस्याओं को हल करने की संस्कृति विकसित की है, जबकि इसके उलट कई देशों में समस्याओं का समाधान अस्त्र-शस्त्रों के जरिए होता है। सीजेआई ने गुवाहाटी हाई कोर्ट की आइजोल पीठ की नई इमारत का उद्घाटन करने के बाद कहा कि कानून का शासन देश और न्यायाधीशों, वकीलों और वादियों को शक्ति प्रदान करता है।
"मानवीय खुशी लाने में हमारा साझा हित"
उन्होंने कहा, "दुनिया में बहुत सारे देश हैं, जहां समस्याओं का समाधान अस्त्र-शस्त्रों के माध्यम से होता है, लेकिन हमारी संस्था का महत्व यह है कि हमने हिंसा की संस्कृति को संवाद की संस्कृति, सहिष्णुता की संस्कृति, इस समझ और अहसास की संस्कृति से बदल दिया है कि मानवीय खुशी लाने में हमारा साझा हित है।" सीजेआई ने कहा कि न्याय की अदालत समाज भर में जो महत्वपूर्ण संदेश भेजती है वह यह है कि हम कानून के शासन का प्रतिनिधित्व करते हैं, हम विवादों के शांतिपूर्ण समाधान का समर्थन करते हैं।"
"विभिन्न हितधारकों के बीच संवाद की भावना"
न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा कि समुदायों और विभिन्न हितधारकों के बीच संवाद की भावना ने पूरे देश में समझ की भावना विकसित की है। उन्होंने महिलाओं से अधिक संख्या में न्यायपालिका में शामिल होने का आग्रह किया और यह सुनिश्चित करने के लिए विशेष प्रयास करने का भी आह्वान किया कि कार्यस्थल उनके लिए अधिक अनुकूल हो। सीजेआई ने यह भी कहा कि आधुनिक सुविधाओं से युक्त आइजोल पीठ की नई इमारत सही दिशा में एक कदम है।
गुवाहाटी हाई कोर्ट की आइजोल पीठ की स्थापना 5 जुलाई, 1990 को हुई थी। यह मिजोरम की राजधानी के केंद्र से लगभग पांच किलोमीटर की दूरी पर ऐनाव वेंग से कार्य करती थी। नई इमारत की आधारशिला मिजोरम के मुख्यमंत्री ललथनहवला और गुवाहाटी हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश अजीत सिंह ने चार मार्च 2017 को रखी थी।