आइजोल: मिजोरम में अफ्रीकी स्वाइन बुखार (ASF) का प्रकोप जारी है। जिसकी वजह से सुअरों की आबादी पर काफी फर्क पड़ा है। अफ्रीकी स्वाइन बुखार की वजह से साल 2021 में कुल 12,568 सुअरों को मारना पड़ा है। वहीं साल 2022 में जब इस बुखार की दूसरी लहर आई तो 11,594 सुअरों को मारना पड़ा। अब साल 2023 में इस बुखार की तीसरी लहर चल रही है, जिसके कारण 980 सुअरों की मौत हो चुकी है और 590 सुअरों का मार दिया गया है।
मिजोरम को काफी नुकसान
सुअरों को मारने की वजह से पहली और दूसरी लहर के दौरान 534.42 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। इस बीमारी की चपेट में कई गांव आए हैं। साल 2021 में कुल 272 गांव प्रभावित हुए, वहीं साल 2022 में यह संख्या घटकर 149 हो गई। वर्तमान में, 29 गांव अफ्रीकी स्वाइन बुखार से प्रभावित हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जून में इस बुखार पर कुछ लगाम लगी थी लेकिन जुलाई में इसके मामले फिर बढ़ गए और कई गांव प्रभावित हुए। इसके प्रकोप से दक्षिण मिजोरम के लुंगलेई जिले का पुकपुई गांव भी प्रभावित हुआ है। अब तक गांव में लगभग 260 सुअरों की मौत हो गई है। इस समस्या से निपटने के लिए राज्य सरकार तमाम कदम उठा रही है। पिछले साल अफ्रीकी स्वाइन बुखार की वजह से 10 हजार से अधिक सुअरों की मौत हुई थी।
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