राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) ने रविवार को पार्टी की सांसद सुप्रिया सुले से माफी की मांग की। पार्टी का आरोप है कि उन्होंने अपने चाचा और उपमुख्यमंत्री अजित पवार के खिलाफ युगेंद्र पवार को बारामती विधानसभा सीट पर चुनावी मैदान में उतारकर पार्टी में विद्वेष फैलाया। एनसीपी के प्रवक्ता अमोल मिटकरी ने कहा कि सुप्रिया सुले को ठीक उसी तरह माफी मांगनी चाहिए, जैसे अजित पवार ने इस साल के शुरू में अपनी पत्नी सुनेत्रा को लोकसभा चुनाव में मैदान में उतारने के लिए खेद व्यक्त किया था।
इस बीच, बारामती विधानसभा चुनाव में अजित पवार ने अपने भतीजे युगेंद्र पवार को भारी अंतर से हराया। अजित पवार ने 8वीं बार इस सीट से चुनाव लड़ा और 1,81,132 वोट हासिल किए, जबकि युगेंद्र पवार को 80,233 वोट मिले। इस तरह अजित पवार ने अपने छोटे भाई के बेटे युगेंद्र को 1,00,899 वोटों के अंतर से पराजित किया।
कांग्रेस पर मिटकरी का निशाना
मिटकरी ने यह भी कहा कि NCP-SP के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल चुनाव परिणामों से इतने निराश थे कि उन्होंने अधिकारियों से प्रमाणपत्र लेने के लिए समारोह में भाग नहीं लिया। साथ ही उन्होंने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के परिणामों को लेकर कांग्रेस पार्टी के नेताओं के आत्मचिंतन की जरूरत पर भी जोर दिया। मिटकरी ने कहा कि यह वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं बालासाहेब थोराट, धीरज देशमुख और यशोमति ठाकुर के लिए आत्मचिंतन का समय होना चाहिए।
एनसीपी नेता ने कहा कि कांग्रेस नेताओं को पांच साल तक आत्ममंथन करने का समय मिलेगा। चुनाव में कांग्रेस नेता नाना पटोले की जीत को आश्चर्यजनक बताते हुए उन्होंने कहा कि पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मुख्यमंत्री बनने का सपना देख रहे थे लेकिन मामूली अंतर से जीते।
किसे कितनी सीटों पर मिली जीत?
बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बीजेपी नीत महायुति गठबंधन ने प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में वापसी करते हुए 288 सदस्यीय विधानसभा की 230 सीट पर जीत दर्ज की। कांग्रेस नीत महा विकास आघाड़ी (MVA) महज 46 सीट पर सिमटकर रह गई। निर्वाचन आयोग के अनुसार, बीजेपी ने 132 सीट जीती हैं, शिवसेना ने 57 सीट जीती हैं, जबकि एनसीपी को 41 सीट मिली हैं। एमवीए में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (SP) के उम्मीदवारों ने 10 सीट जीतीं, कांग्रेस ने 16 सीट जीतीं, जबकि शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) ने 20 सीट जीतीं।
ये भी पढ़ें-
29 सीटों पर भतीजे ने चाचा के उम्मीदवार को दी मात, क्या हो गई असली NCP की पहचान?